पहली बार किसी आई पी एस अधिकारी ने मां गंगा घाट को लिया गोद ,, क्यों ??? धरम नगरी हरिद्वार!
संपादक शिवाकांत पाठक !
( एसएसपी श्री अजय सिंह ने दीप प्रज्वलित कर मंत्रोच्चार के बीच विष्णुघाट को लिया गोद )
सिटी क्षेत्र के तमाम पुलिस अधिकारियों ने कार्यकर्म में बढ़ चढ़ कर लिया हिस्सा पुलिस विभाग द्वारा चला सफाई अभियान ! गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर आज एसएसपी श्री अजय सिंह की प्रेरणा से हरिद्वार पुलिस ने "स्वच्छ भारत अभियान" में अपनी छोटी सी भूमिका तय करते हुए हर की पैड़ी के निकट स्थित विष्णुघाट को गोद लिया।
क्यों कि पूर्व जन्मों के कृत कर्मो के परिणाम स्वरूप ही मनुष्य शुभ अशुभ कार्य करने की प्रेरणा ईश्वर के द्वारा निर्मित विधि विधान के अनुसार प्राप्त करता है ,, ईश्वर की बिना अनुकंपा के पत्ता भी नहीं हिल सकता साथ ही ,," जस क्षण रघुपति जस करें तस क्षण तस मति होय "": मनुष्य के अंतरमन में प्रेरणाश्रोत केवल ईश्वर ही है , तभी तो हरिद्वार के इतिहास में तमाम कार्य ऐसे हुए जो कि वास्तव में चौंकाने वाले थे,, जैसे कि,,, सी एम पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड सरकार द्वारा आई पी एस अजय सिंह को अचानक हरिद्वार धरम नगरी की सुरक्षा की बागडोर संभालने की जिम्मेदारी सौंपना,,
जिम्मेदारी संभालते हीआई पी एस अजय सिंहद्वारा तमाम घटनाओं का अल्प समयावधि में पर्दा फाश करना ,, घटना होने पर तत्काल स्वयं पीड़ित व्यक्ति के घर पहुंचना,, नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान में प्रत्येक गांव में चौपाल लगवाना,, यह सब कुछ अचानक हुआ,, जो कि सभी की सोच से परे था,
हिस्ट्रीसीटर बदमासों को जिला बदर करना,, अनाथ बच्चों से असीम स्नेह के साथ मिलकर सहायता करना आदि ,, और आज विष्णु घाट को गोद लेकर गंगा सफाई अभियान में जो भूमिका आई पी एस अजय सिंह ने दर्शाई है वाह वास्तव में आम जन मानस के हृदय पटल पर सदैव अविस्मरणीय रहेगी!
क्यों कि ईश्वर के प्रति आस्था श्रद्धा रखने वाले भक्तों को कभी ईश्वर गले लगाने का कार्य करता है तो कभी भक्तों के कंधो पर स्वयं ईश्वर बैठने को विवश हो जाता है यह उदाहरण सर्व श्रेष्ठ ग्रंथ रामचरित मानस में देखने को मिलता है 👇
एहि बिधि सकल कथा समुझाई। लिए दुऔ जन पीठि चढ़ाई॥
जब सुग्रीवँ राम कहुँ देखा। अतिसय जन्म धन्य करि लेखा॥
अर्थ। :-इस प्रकार सब बातें समझाकर हनुमान्जी ने (श्री राम-लक्ष्मण) दोनों जनों को पीठ पर चढ़ा लिया। जब सुग्रीव ने श्री रामचंद्रजी को देखा तो अपने जन्म को अत्यंत धन्य समझा !!
रामचरित मानस में हनुमान द्वारा लंका दहन कर मां सीता का पता लगा कर आने के उपरांत प्रभु राम के समक्ष हनुमान जी जाते हैं तो देखिए उस समय पर भक्त और भगवान के बीच स्नेह पवित्र प्रेम का अनूठा संगम लिखते हैं बाबा गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज जो कि भगवान अपने भक्त अपने सेवक को किस तरह से आश्चर्य में डालने वाला प्रेम का उदाहरण पेश करते हैं
बार बार प्रभु चहइ उठावा। प्रेम मगन तेहि उठब न भावा॥ प्रभु कर पंकज कपि कें सीसा। सुमिरि सो दसा मगन गौरीसा॥
अर्थ= प्रभु श्री राम जी के वचन सुनकर और उनके (प्रसन्न) मुख तथा (पुलकित) अंगों को देखकर हनुमान्जी हर्षित हो गए और प्रेम में विकल होकर 'हे भगवन्! मेरी रक्षा करो, रक्षा करो' कहते हुए श्री रामजी के चरणों में गिर पड़े॥
अर्थ:-प्रभु उनको बार-बार उठाना चाहते हैं, परंतु प्रेम में डूबे हुए हनुमान्जी को चरणों से उठना सुहाता नहीं। प्रभु का करकमल हनुमान्जी के सिर पर है। उस स्थिति का स्मरण करके शिवजी प्रेममग्न हो गए !वाह! यह हनुमान जी का श्री राम जी के प्रति अनन्य प्रेम दर्शाता है !
पवित्र मंत्रोच्चार के बीच एसएसपी श्री अजय सिंह ने एसपी क्राइम रेखा यादव, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, एसपी देहात स्वप्न किशोर, सी ओ सिटी मनोज ठाकुर ,सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल, सीओ रुड़की पल्लवी त्यागी, शहर क्षेत्र के सभी थानाध्यक्ष, शहर कोतवाली क्षेत्रांतर्गत चौकी इंचार्ज एवं अन्य पुलिस ऑफिसर्स तथा व्यापार मंडल से संजीव नैयर, सुरेश गुलाटी, राजीव पाराशर, कमल बृजवासी, राजन सेठ बृजेश, बृजेश पुरी, संदीप शर्मा आदि होटल एसोसिएशन से मिंटू पंजवानी के बीच पवित्र दीप प्रज्वलित कर माँ गंगा को साक्षी मान घाट की जिम्मेदारी सम्हाली।
पावन गंगा माता के किनारे स्थित विष्णुघाट की देखभाल, साफ-सफाई एवं रखरखाव अब हरिद्वार पुलिस के जिम्मे रहेगी।
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