हनुमान की तरह खोज करने में माहिर है सिडकुल पुलिस। सिडकुल हरिद्वार।
संपादक शिवाकांत पाठक।
( बेटे को पाकर सिडकुल पुलिस का हृदय से आभार जताया परिजनों ने )
वैसे तो बुराइयों में अच्छाई खोजना हर व्यक्ति पर निर्भर नहीं करता क्यों कि यह हमारी सोच पर निर्भर करता है, सोचिए एक नारी को लोग अपनी सोच के अनुसार कितने नजरिए से देखते हैं,, यह सब सोच पर ही निर्भर है,, राम चरित मानस में गो स्वामी तुलसी दास जी महराज लिखते हैं,, जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी,, भगवान राम सीता स्वयंवर में धनुष तोड़ने के लिए जाते हैं तो उन्हें तमाम राजा नारी प्रेमी के रुप में देखते हैं,, कुछ राजा जो बुद्धि जीवी थे वे जान जाते हैं कि वे स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं,, जबकि राम के अलावा धनुष को कोई तोड़ना तो दूर वल्कि हिला भी नहीं सका,,
अब यहां पर सिर्फ सोचने वाली बात यह है कि पुलिस विभाग की संरचना देश की आंतरिक अपराध गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु कि गई है तो फिर पुलिस से खौफ भी अपराधी वर्ग में होना चाहिए, निंदा भी अपराधी वर्ग को करना स्वाभाविक है लेकिन यदि एक महत्व पूर्ण व्यक्ति निंदा करे तो स्पष्ट है कि वह व्यक्ति बुद्धि जीवी नहीं है,, क्यों कि जो पुलिस अपने बच्चों एवम परिवार, रिश्तेदार, आदि के साथ ही सभी धार्मिक पर्वों का परित्याग कर जनता में शान्ति स्थापित करने हेतु क्रियान्वित रहती है, जिसकी बदौलत, आज हर व्यक्ति अपनें घरों में शान्ति पूर्ण ढंग से खुद को सुरक्षित महसूस करता है,, तो फिर इस कर्तव्य परायणता के लिए हम सभी उनका सम्मान और सहयोग करना चाहिए,, ना कि निंदा,, और यदि हम निंदा करते भी हैं तो ,, हमको यह भी याद होना चाहिए कि, बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिल्हा कोय, जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा न कोय,
इसलिए तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी आंतरिक सुरक्षा हेतु पुरी तरह तत्पर हरिद्वार पुलिस वास्तव में बधाई की पात्र है,,,
पढ़िए किस तरह एक बिछड़े व्यक्ति को परिजनो से मिलाया सिडकुल पुलिस ने,,,👇🏽
थाना सिडकुल पुलिस द्वारा 6 साल से गुमशुदा व्यक्ति को उसके परिजनों से मिलवाया,वर्ष 2017 में अंकेश पुत्र लक्ष्मण प्रसाद निवासी,बिलौली बाजार सीतापुर जो कि घर से यह,बोलकर आया था कि मैं हरिद्वार कंपनी में काम,करने जा रहा हूं तथा उसके बाद से ही उसने,अपनी परिजनों के साथ बातचीत करनी बंद,कर दी तथा अपना मोबाइल नंबर भी बदल,दिया इस संबंध में उनके परिवारजनों द्वारा,अपने स्थानीय पुलिस को सूचना दी जिनके,द्वारा कोई कार्यवाही न करने के उपरांत उसके,परिजन तलाश करते हुए हरिद्वार थाना,सिडकुल पहुंचे। थानाध्यक्ष सिडकुल से मिलकर,अपनी बात रखी जिस पर थानाध्यक्ष सिडकुल,द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने,नेतृत्व में गुमशुदा की तलाश हेतु टीम नियुक्त,की गई तथा गुमशुदा अंकेश को नवोदय नगर,सिडकुल से सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंप दिया गया,, उनके परिजनों द्वारा थाना सिडकुल पुलिस की बड़ी सराहना की गई है। पुलिस टीम में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों में श्री मनोहर भंडारी थानाध्यक्ष थाना सिडकुल , ए एस आई संजय चौहान,कांस्टेबल कांस्टेबल सुरेन्द्र राणा शामिल रहे।
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