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बदल रहीं हैं धाराएं तमाम धाराएं समाप्ति की ओर!नई दिल्ली !

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  अवनीश कुमार मिश्रा (उत्तराखंड प्रभारी) गांव के लोगों से भी पूछिए कि 302 का मतलब क्या होता है तो वे झट से बता देंगे कि हत्या का केस बनता है। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा। जी हां, 302 और 420 जैसे चर्चित कानूनों के कोड बदलने वाले हैं। मोदी सरकार तीन नए बिल लेकर आई है जिसमें कानूनों को नए रूप में नए नंबर के साथ जगह दी गई। उदाहरण के लिए इसे आप किताब समझ लीजिए जिसके पन्ने अब कुछ आगे-पीछे हो गए हैं। सरकार का कहना है कि मौजूदा समय में अहमियत के हिसाब से ऐसा कि या गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल पेश किया है। इसमें IPC और CrPC की कई धाराओं को बदलने का प्रस्ताव रखा गया है। इस बिल में आपराधिक दंड संहिता में आमूलचूल परिवर्तन होगा। अब IPC को भारतीय न्याय संहिता कहा जाएगा। इसके अलावा धारा 420, 302 और 144 जैसी धाराओं को भी बदला जाएगा। भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद कौन सी धाराओं को बदल दिया जाएगा, आइए बताते हैं। खबरों और विज्ञापन हेतु सम्पर्क करें 📲📲9897145867

स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की संयुक्त टीम ने रुड़की में अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई !

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संपादक शिवाकांत पाठक! रिपोर्ट शाहिद अहमद आपको बता दें कि हरिद्वार से रुड़की पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रशासन की टीम के साथ रुड़की क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन व बिना डॉक्टरों के अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की। वहीं टीम की भनक लगते ही रुड़की क्षेत्र में अवैध रूप से अस्पताल चला रहे संचालकों में हड़कंप मच गया। कुछ अस्पताल स्वामी अपने-अपने अस्पताल बंद कर मौके से रफूचक्कर हो गए। इस दौरान टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे एसीएमओ हरिद्वार डॉक्टर अनिल वर्मा ने बताया कि पिछले लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि रुड़की क्षेत्र में अवैध रूप से अस्पताल चल रहे हैं जिनको लेकर आज क्षेत्र में ऐसे अवैध अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत उप कारागार के सामने नवजीवनहॉस्पिटल व आजादनगर चौक के पास मेडविन अस्पताल पर टीम पहुंची। वहीं दोनो ही अस्पतालों में डॉक्टर मौजूद नहीं थे साथ ही अस्पताल पर मौजूद कर्मचारी रजिस्ट्रेशन संबंधित कागजात भी नहीं दिखा पाए। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में जिन डॉक्टरों के नाम के बोर्ड लगे हैं वह डॉक्टर भी मौजूद नहीं मिले जिसको लेकर नवजीवन हॉस्पिटल ...

शिवसेना करेगी जिला अधिकारी कार्यालय पर आंदोलन !नूतन उपाध्याय !

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संपादक शिवाकांत पाठक उत्तराखंड! दि ग्राम टुडे समाचार सेवा,,बहुत ही आश्चर्य की बात है कि आपदा ग्रस्त ग्राम पंचायतों में कुछ व्यक्ति पात्रों का मुंह देख कर आपदा में हुए नुकसान का मुआवजा दिलवा रहे हैं जोकि सरासर गलत है जो गरीब व्यक्ति अपने बच्चों का पालन पोषण पन्नी झोपड़ी टीन के बने मकानों में कर रहे हैं और उन व्यक्तियों का आपदा के समय में नुकसान हुआ है क्या है यह लोग पात्र नहीं है बड़ा दुख होता है जिस समय लेखपाल एक दो जगह घूम कर खाना पूर्ति कर देते हैं एवं अपने किसी परिचित के पास बैठकर पूरे गांव का ब्योरा इकट्ठा कर लेते हैं जो कि सरासर गलत है ग्राम पंचायत कतारपुर में पूर्व प्रधान के कार्यकाल में 32 मकान ग्राम पंचायत कतारपुर अलीपुर में भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सहयोग से पास हुए थे जिसमें से अभी तक कुछ मकान बन चुके हैं एवं ऑनलाइन होने के बावजूद भी कुछ मकान अभी तक नहीं बने हैं बड़ा दुख होता है इतनी भयंकर बरसात में जिन लोगों के पास में इस प्रकार के मकान है उन्होंने अपने आप को एवं अपने बच्चों को एवं अपने समाज को किस प्रकार सुरक्षित रखा होगा बहुत ही आश्चर्य की बात है देश के प्रिय प्रधानमंत...

डेंगू से बचाव हेतु कैंप का अयोजन संपन्न! सिडकुल हरिद्वार!

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  संपादक शिवाकांत पाठक! रिपोर्ट शाहिद अहमद,, 19 अगस्त रोशनाबाद हरिद्वार आज दिनांक 19.8.2023 को निदेशक होम्योपैथी डॉ जे ऐल फिरमाल जी एवं जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार डॉ विकास ठाकुर जी के निर्देशानुसार AHWC रोशनाबाद हरिद्वार द्वारा डेंगू से बचाव/उपचार हेतु एवं लाइफस्टाइल modification कैम्प आरएसपीएल कंपनी सिडकुल मैं लगाया गया। कैम्प मे डॉ ओपी नौटियाल प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा विभिन्न रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के स्वास्थ्य परीक्षण किया गया एवं स्वस्थ जीवन शैली हेतु आहार विहार संबंधी जानकारी दी गई और डेंगू से बचाव/उपचार हेतु जागरूक किया गया। योग अनुदेशक श्री योगाचार्य मनोज कुमार एवं श्रीमती नीतू पाल द्वारा योगाभ्यास कराया गया। AHWC रोशनाबाद हरिद्वार से pharmacist श्री सुभाष भारती जी द्वारा निःशुल्क दवा वितरण किया गया  AHWC रोशनाबाद से श्री विक्रांत कुमार और सत्येंद्र कुमार जी का विशेष सहयोग रहा हरिद्वार कंपनी प्रबंधक श्री पी एस नेगी राजीव कुमार दिलीप कुमार जी का विशेष सहयोग रहा लाभार्थियों की संख्या  स्वास्थ्य जांच/दवा वितरण- 95 ब्लड शुगर की जांच- 30 योगाभ...

जहां द्रौपदी बीच सड़क पर कृष्ण कृष्ण चिल्लाती है!

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  मानवता की छोड़ो बातें दानवता शर्माती है!! शिक्षा से वंचित बच्चों को भीख मांगते देखा है! सब कुछ सह कर चुप रहना ही शायद लक्ष्मण रेखा है!! जो बच्चे हिन्दी में बातें कर के मान बढ़ाते हैं! लोगों के अनुसार वही तो निम्न वर्ग कहलाते हैं!! चोर उचक्कों और लुटेरों का बजता डंका है! चश्मा छोड़ो नजर उठाओ यदि कोई शंका है!! जहां लिखा है सत्य मेव जयते रिश्वत को देखा है! राष्ट्र प्रेम रूपी चोले को क्यों उतार फेंका है!! पलक झपकते हुई जमानत अपराधी आवारा!  परिवर्तन है नियम प्रकृति का बदलें नियम दुबारा!! स्वरचित मौलिक रचना शिवाकांत पाठक उत्तराखंड विचारों की अभिव्यक्ति 

अभिव्यक्ति कि स्वंतत्रता और हमारा संविधान! अवनीश कुमार मिश्रा ( उत्तराखंड प्रभारी वी एस इंडिया न्यूज)

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  संपादक शिवाकांत पाठक ! अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुख्य तत्वों  के बारे में आम जनता को मालूम होना चाहिए,, भारतीय संविधान स्वतंत्रता का अधिकार देता है, जो प्रत्येक नागरिक के व्यक्तिगत अधिकारों की गारंटी देता है जिन्हें निर्माताओं द्वारा महत्वपूर्ण माना जाता है। कुछ कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करते हैं, जैसे कि राजद्रोह और घृणास्पद भाषण को दंडित करने वाले कानून, और ये कानून अनुच्छेद 19(2) से अपनी वैधता प्राप्त करते हैं। आइए आगे बढ़ें और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुख्य तत्वों का अध्ययन करें। वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: यह अधिकार केवल भारतीय नागरिकों के लिए है, किसी विदेशी नागरिक के लिए नहीं।  अनुच्छेद 19(1) (ए) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में किसी भी माध्यम से किसी भी बिंदु पर विचार और राय व्यक्त करने का अधिकार भी शामिल है, उदाहरण के लिए, कुछ कहकर या सुनाकर, लिखकर, आदि। यह अधिकार पूर्ण नहीं है और सरकार को भारत की अखंडता, सुरक्षा, राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वज...

विरोध या असहमति ही सत्य को जन्म देने में सक्षम हैं! स.संपादक शिवाकांत पाठक !

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  साहित्यकार की श्रेष्ठता इसमें है कि वह पढ़ने के बाद हजम न किया जा सके वही असली साहित्य है  असहमतियां मनुष्य की स्मृतियों, आशाओं और कल्पनाओं में हमेशा मौजूद रही हैं इस बात का प्रमाण हमारे धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है,,असहमतियां या विरोध हैं तो सत्ता-व्यवस्था से सच के लिए टकराव है।असहमतियां या विरोध हैं तो हमारे पास ऊंचे आदर्शों को रूपायित करने की आकांक्षा है।असहमतियां या विरोध हैं तो विविधता की ताकत है।असहमतियां या विरोध हैं तो स्वतंत्रता का अहसास है क्यों कि जब तक हमको सच और सही बोलने का अधिकार है ,तब तक हम खुद को स्वतंत्र महसूस करते हैं।असहमतियां हैं तो हमारे मनुष्य होने का एक अर्थ है वरना जानवर और इंसान में अंतर क्या है,। प्राचीन कहावत है, ‘वादे वादे जायते तत्त्वबोधः’, अर्थात विचारों की टकराहट से ही सत्य का बोध होता है जब तक हमारे द्वारा किए जा रहे प्रत्येक कार्य का विरोध नहीं होगा तब तक हमने कार्य सही किया या गलत इस बात का निर्णय नहीं हो सकता,,,एक समय ग्रीक दार्शनिक सुकरात ने स्वीकृत धारणाओं का विरोध किया था और उन्हें सत्य कहने के कारण जहर पीना पड़ा था शायद आप को पता हो।उ...