*मौत का इस कदर पैग़ाम क्यों दिया तूने

* पत्रकार का पैग़ाम ईश्वर के नाम* गुनाह किसने किया कुछ तो बता दे मालिक! मौत का इस कदर पैग़ाम क्यों दिया तूने!! तेरी मर्जी के बिना हिल नहीं सकता पत्ता! बेकसूरों को फिर बदनाम क्यों किया तूने!! रूठ जाता तो मना लेते हम सभी मिलकर! अपनी रहमत को यूं नीलाम किया क्यों तूने!! लाश को छूने से डरता है आदमी अब तो! ऐसा पत्थर दिली का काम किया क्यों तूने!! मैं मानता हूं तुझे मानने वाले कम हैं! जहां तेरा है तो ये काम क्यों किया तूने!! मैं पूछता हूं मेरा हक है पूछने का बता ! अपनी कुदरत को ही बदनाम क्यों किया तूने!! तू सजा दे उन्हें जो लालची लुटेरे हैं ! गरीबों की सुबह को शाम क्यों किया तूने!! *रचना* *संपादक शिवाकांत पाठक विचार सूचक समाचार पत्र परिवार हरिद्वार उत्तराखंड* *📞*संपर्क* *9897145867*