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*मौत का इस कदर पैग़ाम क्यों दिया तूने

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* पत्रकार का पैग़ाम ईश्वर के नाम* गुनाह किसने किया कुछ तो बता दे मालिक!  मौत का इस कदर पैग़ाम क्यों दिया तूने!!  तेरी मर्जी के बिना  हिल नहीं सकता पत्ता! बेकसूरों को फिर बदनाम क्यों किया तूने!! रूठ जाता तो मना लेते हम सभी मिलकर! अपनी रहमत को यूं नीलाम किया क्यों तूने!! लाश को छूने से डरता है आदमी अब तो! ऐसा पत्थर दिली का काम किया क्यों तूने!!  मैं मानता हूं तुझे मानने वाले कम हैं!  जहां तेरा है तो ये काम क्यों किया तूने!!  मैं पूछता हूं मेरा हक है पूछने का बता ! अपनी कुदरत को ही बदनाम क्यों किया तूने!!  तू सजा दे उन्हें जो लालची लुटेरे हैं ! गरीबों की सुबह को शाम क्यों किया तूने!! *रचना* *संपादक शिवाकांत पाठक विचार सूचक समाचार पत्र परिवार हरिद्वार उत्तराखंड* *📞*संपर्क* *9897145867*

पॉजिटिव रहने की खुराक है- प्रातः काल अमृत बेला! मनोज श्रीवास्तव सहायक सूचना निदेशक ( देहरादून उत्तराखंड)

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  विचार न्यूज चैनल पॉजिटीव रहने की ख़ुराक हमे शक्तिशाली बना देता है। पॉजिटिव रहना और सदा समर्थ, ज्ञान के खज़ाने से सम्पन्न बनना लक्ष्य हमेशा बना रहे ।  उमंग, उत्साह और लगन से  प्रत्यक्ष करने के प्लान्स (Plans) बनाते हुए, बार-बार स्वयं के गुण गाते, खुशी में नाच रहे ।    इस यात्रा के चार्ट में अनेक रूप रंग दिखाई देते है। पोजीशन (Position;) और आपोजीशन (Opposition) दोनों का खेल बना रहता है।  यथा शक्ति हरेक व्यक्ति अपने पोजीशन पर स्थित रहने का प्रयत्न बहुत करते, लेकिन माया की आपोजीशन, एक रस स्थिति में स्थित होने में विघ्न-स्वरूप बन रही थी।  इसके पीछे प्रमुख कारण है, (1) एक तो हमारे द्वारा सारे दिन की दिनचर्या पर बार-बार अटेंशन की कमी रह्ती है।  (2) दूसरा शुद्ध संकल्प का खजाना जमा न होने कारण व्यर्थ संकल्पों में ज्यादा समय व्यतीत करते हैं। (3) तीसरा, किसी भी प्रकार की छोटी-छोटी परिस्थितियाँ जो हैं कुछ भी नहीं, उन छोटी सी बातों को भी अपनी कमज़ोरी का कारण बहुत बड़ा समझ, उसको मिटाने में टाईम बहुत वेस्ट (Time Waste;समय व्यर्थ) करते हैं।   इसका प्रमुख ...

फेफड़ों में जमे कफ एवं संक्रमण को बाहर निकालती है स्फटिका भस्म! डा. महेन्द्र राणा ! आरोग्य संस्थान जगजीत पुर हरिद्वार!

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  स. संपादक शिवाकांत पाठक!   देश के वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. महेंद्र राणा ने बताया कि स्फटिका भस्म कोरोना संक्रमित मरीज़ों के फेफड़े में तेज़ी से जमने वाले कफ को बाहर निकालने एवं फेफड़ों में ऑक्सिजन के स्तर को बढ़ाने में बहुत ही कारगर एवं प्रयोग सिद्ध औषधी है । भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड सरकार के बोर्ड सदस्य डा.राणा के अनुसार स्फटिक भस्म, फिटकरी की भस्म को कहते हैं।आयुर्वेद में इसे आंतरिक और बाह्य दोनों ही तरीकों से प्रयोग करते हैं। स्फटिक भस्म,  को बहुत ही कम मात्रा में, डॉक्टर के निर्देशानुसार कफ रोगों, फेफड़ों के रोगों, दमा रोग जैसी श्वसन संस्थान की बीमारियों आदि में बहुत प्राचीन समय से प्रयोग करते हैं। इसे त्वचा रोगों, विसर्प, हर्पिज़ आदि में भी प्रयोग किया जाता है। स्फटिका भस्म के सेवन से कफ एवं वात संतुलित होते हैं। स्फटिक भस्म बनाने के लिए फिटकरी के टुकड़े साफ़ कर लेते हैं। इसके छोटे छोटे टुकड़े कर मिट्टी के बड़े पेट वाले बर्तन में रख देते हैं। इसे गजपुट में डाल देते हैं। ठंडा होने पर इसे निकाल कर भस्म बना लेते हैं।  घर पर भस्म बनाने के लिए फिटकरी को तवा पर...

नगर भाजपा मंडल ने पूरे क्षेत्र को किया सैनेटाइज ! शिवालिक नगर हरिद्वार! स. संपादक शिवाकांत पाठक!

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शिवालिक नगर भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं ने  नगर पालिका क्षेत्र में सैनिटाइजर व साफ सफाई की व्यवस्था हेतू टीम बनाकर सभी जगह सेनेटाइज किया  व्यापार मंडल के अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता धर्मेंद्र विश्नोई ने कहा कि शिवालिक नगर पालिका क्षेत्र में पूरी तरह तत्परता के साथ टीम द्वारा सैनेटाइज किया गया है किसी भी प्रकार की कोई जरूरत है तो टीम से संपर्क करें हम सब आपके साथ हैं व रहेंगे  भाजपा मंडल महामंत्री कैलाश भंडारी ने कहा कि महा भयानक संकट के समय आप सभी को घर पर सुरक्षित रहना है बिना किसी काम के बाहर मत जाना व मास्क का प्रयोग अवश्य करना सोशल डिस्टेंस का पालन जरूर करें सभासद रीना तोमर जी के नेतृत्व में क्षेत्र में सेनिटाइजर का साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए  टीम का गठन किया गया था। व कार्य भी तत्परता के साथ किया गया है, आपके क्षेत्र में कहीं भी  कोरोना केस हो तो  सूचना करें। ताकि सही टाइम पर सैनिटाइजर का कार्य किया जा सके और क्षेत्र को सुरक्षित रखा जा सके।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केंद्र सरकार से सवालों की झड़ी!

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  स. संपादक शिवाकांत पाठक! दिल्ली, कोविड मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कई कठोर सवाल किये जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा आखिर केंद्र सरकार 100 प्रतिशत वैक्सीन क्यों नहीं खरीद रही है. एक हिस्सा खरीद कर बाकी बेचने के लिए वैक्सीन निर्माता कंपनियों को क्यों स्वतंत्र कर दिया गया है? कोर्ट ने कहा कि वैक्सीन विकसित करने में सरकार का भी पैसा लगा है. इसलिए, यह सार्वजनिक संसाधन है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि हम सरकार की सिर्फ आलोचना कर रहे हैं. पता है कि पिछले 70 सालों में बहुत कुछ नहीं हो पाया. लेकिन इस आपातकालीन स्थिति में अभी बहुत काम करने की जरूरत है. इसपर सॉलिसीटर ने कहा, सरकार इस सुनवाई को सही रूप में ही ले रही है. इस समय बहुत ही गंभीर स्थिति है. कोर्ट ने पूछा निरक्षर काैसे करेंगे  कोविन ऐप का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को सही और उचित कीमत पर इलाज मिल सके, यह सुनिश्चित करना जरूरी है. जो लोग स्वास्थ्य सेवा में लगे हैं, उनकी सुरक्षा जरूरी है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हम यह साफ करना चाहते ह...

कोरोना नहीं, भारत में इंसान को इंसान मार रहा है !रिजवान खान( संयुक्त सचिव किसान कांग्रेस उत्तराखंड)

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  स. संपादक शिवाकांत पाठक!              तमाम लाशे जिंदा निकलने की खबरें व अस्पताल में बिल भुगतान ना करने पर लाश ना देना साईकिल पर अपनी पत्नी की लाश ले जाना आदि सब इस बात का उदाहरण देते हैं कि अब हैवानियत ने भी सारी हदें पार कर दी हैं !धड़ल्ले से कोरोना वैक्सीन बेचकर, लोगों को पानी का इंजेक्शन दिया जा रहा है।  ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लॉक कर कई गुना महंगा बेचा जा रहा है।डॉक्टरों द्वारा विटामिन सी  अधिक लेने की कहने पर 50 रुपये प्रति किलो का नींबू 150 रुपये प्रति किलो बेचने लगते हैं।_40-50 रुपए का बिकने वाला नारियल पानी ₹100 का बेचने लगते हैं। जो डेड बॉडी लाने/देने के नाम पर भी ₹36000 तक मांगने लगते हैं।      _मरीज को दिल्ली गाजियाबाद मेरठ नोएडा स्थित किसी हॉस्पिटल में पहुंचाने की बात करते हैं तो एंबुलेंस का किराया 10 से 15 हजार किराया मांगने लगते हैं।क्या वास्तव में हम बहुत मासूम हैं.. या लाशों का मांस नोचने वाले गिद्ध!?गिद्ध तो मरने के बाद अपना पेट भरने के लिए लाशों को नोचता है पर हम तो अपनी तिजोरियां भरने के लिए जिंदा इंसानों को ...

ओक्सीजन का स्तर क्यों और कैसे घटता है! डॉ महेंद्र राणा ( आरोग्य संस्थान जगजीत पुर हरिद्वार)

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  स. संपादक शिवाकांत पाठक! यदि हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए तो लाजमी है  क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इस स्थिति को एनीमिया कहते हैं। चेहरा पीला हो जाए तो हीमोग्लोबिन के घटते ही त्वचा पीली पड़ जाती है और तलवे व हथेलियां ठंडी रहने लगती हैं। इसको सबसे शुरुआती लक्षण मानते हैं। इसके साथ चक्कर आना, जल्दी थक जाना, सीने व सिर में दर्द होना, शरीर ठंडा रहना आंखों के नीचे काले घेरे आदि जैसे लक्षण दिखें तो समझ जाएं कि आपको एनीमिया बीमारी हो गई है। किसे बनाती है शिकार महिलाओं में एनीमिया की शिकायत ज्यादा रहती है। माहवारी के समय ज्यादा रक्तस्रव होने की वजह से भी एनीमिया का खतरा रहता है। गर्भवती महिलाओं में भी एनीमिया का प्रभाव अधिक पाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक मात्रा में विटामिन, मिनरल, फाइबर आदि की जरूरत होती है। रक्त में लौह तत्वों की कमी होने से शारीरिक दुर्बलता बढ़ती है। डाइटिंग कर रही लड़कियां भी इसकी शिकार हो जाती हैं। खाने का रखें ख्याल खून में हीमोग्ल...