इंशानियत का नंगा नाच, प्रथ्वी मां की आबरू तार तार कर रहे हैं लालच के भेड़िए! हरिद्वार!
( धरम नगरी हरिद्वार बन चुका है खनन नगरी )
स.संपादक शिवाकांत पाठक!
बात कहने की है इसीलिए लिख रहा हूं क्यो कलम का लिखा हुआ सदैव इतिहास रचता है,, हरिद्वार धरम नगरी वर्तमान समय पर खनन नगरी साबित हो रही है,, क्यों कि किसी न किसी रूप में यहां पर अनवरत खनन हो रहा है,, नदियों तालाबों , से होने वाले खनन पर प्रशासन का मूक समर्थन जनता को स्पष्ट रूप से यही संदेश दे रहा है कि अब कुछ भी नाजायज नहीं रहा,, नाजायज भी अब जायज है,, क्यो कि दिन दहाड़े बुग्गियों से होने वाले खनन,, और रात्रि में भोगपुर बाण गंगा में होने वाले खनन शायद धारती मां के लिए भले ही कष्टदाई साबित हो रहे हैं लेकिन प्रशासन के लिए एक आम बात है,, पंरतु क्यों,,? यह तो एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब तो कभी न कभी धरती मां मांगेगी,,?
हरिद्वार से ब्यूरो रिपोर्ट मोहन तिवारी
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