भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द होने से पहलवानों पर क्या होगा असर ,,,? मंथन ( अवनीश कुमार मिश्रा उत्तराखंड प्रभारी)

 


( आखिर क्यों बार बार टलती रही चुनाव की तारीख )


( संपूर्ण भारत के गौरवशाली इतिहास पर कुठाराघात)







एक खेल के रूप में पिछले एक दशक से भारत में लगातार कुश्ती की लोकप्रियता बढ़ रही है। यह भारत का ऐतिहासिक खेल है जो कि वास्तविक शारीरिक शक्ति को दर्शाता है,, सदस्यता रद्द होना भारतीय स्वाभिमान के लिए न सिर्फ शर्मनाक विषय है वल्कि विष्व पटल पर ऐतिहासिक सोचनीय पहलू है,,, यहां हम सभी भारत वासियों को आत्म मंथन करने एवम अपनी कमियों को आत्मसात करने का प्रयास करना चाहिए,,,कुश्ती लड़ने के लिए चुस्ती-फुर्ती और सही तकनीक के साथ शारीरिक शक्ति का मेल होना जरूरी है।


गामा पहलवान हो या फिर दारा सिंह भारत के गौरवशाली इतिहास में इन शक्ती शाली महाबलियों को भुलाया नही जा सकता,,,👇



हालांकि, भारत में कुश्ती का विकास पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि कुश्ती वैश्विक स्तर पर मार्शल आर्ट के रूप में 7000 ईसा पूर्व से अस्तित्व में है।


भारत में कुश्ती प्राचीन काल से मशहूर है। भारत में कुश्ती के प्रारंभिक रूप को 'मल्ल-युद्ध' (हाथों से मुकाबला) के रूप में जाना जाता था और इससे जुड़ी कई कहानियां रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन महाकाव्यों में मिल जाएंगी।


वास्तव में महाभारत में पांच पांडव भाइयों में से दूसरे नंबर के पांडव पुत्र भीम को महाभारत में सबसे बलशाली व्यक्ति माना जाता था और वह एक कुशल पहलवान के रूप में मशहूर थे।


आज के उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में कुश्ती का बड़े स्तर पर  अभ्यास किया जाता था। अक्सर राजा और राजकुमार मनोरंजन के लिए कुश्ती प्रतियोगिताओं का आयोजन कराते थे।


यह इस बात से मिलता-जुलता था कि मध्य युग के दौरान कुश्ती का अभ्यास करने वाले सामाजिक शीर्ष वर्ग के साथ दुनिया भर में कुश्ती को किस तरह से देखा जाता था।


उत्तर भारत में देशी भाषाओं में कुश्ती कई नामों से जानी जाती थी- जैसे दंगल, पहलवानी और कुश्ती। स्वदेशी कुश्ती के लिए मिट्टी के मैदान थे, जिन्हें अखाड़ों के रूप में जाना जाता था। ये यूरोपीय संस्करण में लोकप्रिय सॉफ्ट मैट के विपरीत था।


24 अगस्त को एक ऐसी खबर सामने आई जिसने देश के सभी भारतीय पहलवानों को निराश कर दिया. दरअसल यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (विश्व कुश्ती संघ) ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया है.


ऐसा फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल खत्म होने के बाद संघ को 45 दिनों के अंदर चुनाव कराने थे, लेकिन यह चुनाव समय पर संपन्न नहीं हो सका जिसके कारण विश्व कुश्ती संघ को भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को समाप्त करनी पड़ी.



बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब विश्व कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को निलंबित किया है. इस फैसले का नुकसान न जाने कितने खिलाड़ियों को चुकाना होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि इस संघ की सदस्यता को निलंबित किए जाने का भारतीय पहलवानों पर क्या असर पड़ेगा और समय पर चुनाव नहीं करा पाने के पीछे क्या वजह है? 



भारतीय कुश्ती संघ में कब और क्यों होते हैं चुनाव 



भारतीय कुश्ती संघ के संविधान के अनुसार इस संघ के अध्यक्ष के लिए हर चार साल पर वोटिंग कराई जाती है. कोई भी एक व्यक्ति 12 साल से ज़्यादा समय तक अध्यक्ष पद पर नहीं रह सकता है. जिसका मतलब है कि एक व्यक्ति तीन कार्यकाल तक ही भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष रह सकता है. 



बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को भी इस नियम के तहत पद छोड़ना पड़ा. वह पिछले 12 सालों से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रह चुके थे. नियमों के अनुसार अब बृजभूषण चुनाव में खड़े भी नहीं हो सकते हैं.



क्यों हुई चुनाव में देरी 👇



दरअसल भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल खत्म होने ही वाला था कि उन पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया गया. उनके इस्तीफे को लेकर पहलवानों ने महीनों तक जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया, लेकिन इन सब के बाद भी उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया !



इसके बाद उनके कार्यकाल के खत्म होने के बाद कुश्ती संघ में चुनाव कराने के कई प्रयास किए गए. सुप्रीम कोर्ट ने कई बार चुनाव की तारीखें भी तय की, लेकिन अलग-अलग हाईकोर्ट में अलग-अलग राज्य के कुश्ती संघों की याचिका के आधार पर अध्यक्ष के चुनाव में रोक लगते रहे और देखते ही देखते 45 दिनों का समय निकल गया !



Comments

Popular posts from this blog

कैसे बचेगी बेटियां,? नवोदय नगर में दिन दहाड़े प्रेमी ने गला रेत कर कर दी हत्या,! हरिद्वार,!

फुटबॉल ग्राउंड फेज 1 जगजीतपुर कनखल थाना क्षेत्र में घर में घुसकर बदमाशों द्वारा की गई मारपीट,,,!हरिद्वार,!

नवोदय नगर में घटी बहुत ही दुखद घटना!