भगवान विष्णु का हृदय कहलाने वाली धर्म नगरी की सुरक्षा में अभूतपूर्व परिवर्तन! स.संपादक शिवाकांत पाठक!
आइए आज विचार मंथन करते हैं आप और हम कि धरम नगरी हरिद्वार सुरक्षा की दृष्टिकोण से उत्थान की ओर निरंतर अग्रसर कैसे और क्यों है ,, और अग्रसर है या नहीं वह निर्णय भी आप तटस्थ ( निष्पक्ष ) रहकर ही कर सकते क्यों कि बात यहां पर नजरिए की है , राम चरित मानस में गो स्वामी तुलसी दास जी महराज लिखते हैं जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी,,! अर्थात देखने का दृष्टिकोण जिसका जैसा होगा उसे दिखने वाली चीज वैसी ही महसूस होगी,, साथ ही देखते समय हमारी मानसिकता क्या है यह भी महत्वपूर्ण साबित होती है,, क्यों तमाम अच्छे लोग भी तमाम लोगो को बुरे नजर आते हैं ,, क्यों कि अभी भी हरिद्वार पुलिस द्वारा किए जा रहे सराहनीय कार्यों को लोग प्रमुखता न देकर केवल दोषारोपण करते हैं,, उसे आप क्या कहेंगे,,
अब बात करते हैं धरम नगरी हरिद्वार की जिसे भगवान विष्णु की हृदयास्थली कहा गया,, तो फिर इस नगरी पर भगवान की विशेष नजर भी होना सुनिश्चित है,, बस इसी लिऐ यहां सुरक्षा सुनिश्चित कराने हेतु ईश्वर द्वारा प्रदत्त प्रेरणा श्रोत के अनुसार माननीय मुख्य मंत्री श्री पुस्कर सिंह धामी जी ने आई पी एस अजय सिंह को तमाम उम्मीदों के साथ इस धरम नगरी को पुरी तरह से सुरक्षित करने हेतु भेजा था,,, और उनके आने के बाद उनके नेतृत्व में लगातार मिलने वाली कामयाबियां, गंभीर घटनाओं को लेकर सिर्फ 12 या 24 घंटो की अल्पावधि में होने वाले खुलासे खुद ही मजबूत सुरक्षा का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं,,
आज़ रात्रि आठ बजकर नौ मिनट तक ,, आई पी एस अजय सिंह के चार्ज संभालने के बाद ,,2842 प्रेस नोट मिडिया को उपलब्ध कराए जा चुके हैं जो कि अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम साबित होते हैं,,
हरिद्वार जनपद की पुलिस ने सिर्फ अपराधो की रोकथाम में ही विजय प्राप्त नहीं की अपितु डूबते को बचाने,, खोए लोगो को परिजनों से मिलाने, गुम पर्स को उसके हकदार तक पहुंचाने में,, नशे पर नकेल कसने मे ,, जघन्य अपराधियों को जिला बदर करने में, ढोल नगाड़ों के साथ नोटिस चस्पा करने में आदि आदि तमाम सुधारात्मक मामलों में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वर्तमान समय को देखते हुए ऐसी मानवीयता पूर्ण कार्य शैली को लिखने हेतु हमारे पास शब्द नहीं हैं ,, भारतीय संविधान की धारा 19 (ए) के तहत हर भारतीय व्यक्ति अपने विचार प्रस्तुत कर सकता है यह है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जो कि सभी को प्राप्त होते हुए भी लोग इसका सदुपयोग नहीं बल्कि दुरुपयोग करते हैं,,
सोच बदलो देश बदलेगा और देश बदलेगा तो सारी दुनियां तुम्हे नमस्कार करेगी 🙏
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