हरिद्वार पुलिस ने बेटे के बिछड़ने पर एक मां के दर्द का किया अहसास 72 घण्टे में खुलासा! सिडकुल हरिद्वार!
( एस एस पी हरिद्वार का कुशल नेतृत्व एवम थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ की सूझबूझ से महज 72 घण्टे में घटना का हुआ खुलासा )
स.संपादक शिवाकांत पाठक!
मुझे मेरा बेटा चाहिए ,,और कुछ भी नहीं सुनना चाहती हूं मैं,, ये आवाज एक मां की थी ,, देर शाम बेटे को घर में ना देख बड़े बेटों द्वारा तलास किए जाने पर भी उसका लाडला कहीं भी नहीं था ,, सभी भाई नीचे को निगाह कर घर में निरोत्तर और हताश होकर वापस लौट आए थे,, किसी अनहोनी की संभावना से मां के हृदय की धड़कने तेज हो चली थीं,, चेहरे पर पसीने की झलक के साथ ही आखों से आसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था,, अन्य बड़े बेटे मां को धैर्य बंधा रहे थे,, मां यहीं कहीं गया होगा भईया आ जायेगा आप क्यों घबरा रहीं हैं,, लेकिन जिस मां ने अपनी कोंख में जिस हृदय के टुकड़े को नौ माह तक तमाम तरह की पीड़ाओं को सहन करने के बावजूद रखा था उसकी अंतर्वेदना को आज महसूस कौन करता,,? अचानक दरवाजे से खट खट की आवाज सुनाई दी बड़े बेटे ने जाकर दरवाजा खोला तो पिता को देख एक अजीब सी राहत की सांस ली,, कि शायद अब इस समस्या का कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा,, लेकिन पति के आते ही ( मुझे मेरा बेटा चाहिए ,,और कुछ भी नहीं सुनना चाहती हूं मैं,, ये आवाज एक मां की थी ,,,,,,,)
पिता इस घटना को सुन आवाक रह गया,, लेकिन परिवार को जीवन प्रदान करने वाला पिता बहुत ही सहनशील होता है ,, घटना की गंभीरता को देखते हुए बच्चे के पिता सुभाष प्रजापति ने दिनांक 10 सितम्बर 2023 को थाना सिडकुल में नाबालिक बेटे के अपहरण की शिकायत एक लिखित शिकायती पत्र के माध्यम से दी,, जिस पर तुरंत ही थाना सिडकुल में अपराध संख्या 494/2023धारा 363 भारतीय दण्ड विधान संघिता बनाम अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर अपने फर्ज को अंजाम दिया,,
अब देखिए कि आगे क्या हुआ,,👇
एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर बच्चे को सुरक्षित बरामद करने के लिए अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गई थी।
गठित की गई अलग अलग टीमों द्वारा परिजनों से गुमशुदा बच्चे के हुलिये की जानकारी लेकर घटना स्थल के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरो का अवलोकन किया तथा संदिग्धों से पूछताछ की गई तो अपहृता बच्चा एक संदिग्ध आदमी के पीछे-पीछे पैदल पैदल टैम्पो स्टैण्ड की ओर जाते हुये दिखाई दिया था।
क्षेत्र में कई लोगों से पूछताछ करने पर संदिग्ध की पहचान शिवमविहार कालोनी रोशनाबाद निवासी रविन्द्र के रूप मे हुई। तलाश करने पर रविन्द्र के साथ एक व्यक्ति जनक के मौजूद मिलने पर पुलिस टीम ने दोनो से सख्ती से पूछताछ की तो अपहरण के सारे राज खुल गए।
पुरानी मकान मालकिन ने अभियुक्त रविन्द्र को ₹01 लाख का ऑफर देते हुए छोटे बच्चे की मांग की थी। प्रस्ताव सुन लालच में आकर रविन्द्र ने वर्तमान निवास की बिल्डिंग में रह रहे परिवार जिनके 04 लडके थे में से 01 बच्चे का अपहरण करने का प्लॉन में अपने साथी अभियुक्त जनक को भी शामिल कर लिया। पहले से तैयार प्लान के मुताबिक जनक सिह ने बच्चे को चाकलेट, बिस्किट खिलाकर अपने भरोसे में ले लिया।
दिनांक 09-09-2023 को अभियुक्त जनक ने बच्चे को चाउमीन खिलाने का लालच देकर अपने पीछे आने को कहा और मौका मिलते ही रविन्द्र के हवाले कर दिया जहां से रविन्द्र बच्चे को ई-रिक्शा में बिठाकर अभियुक्ता शगुन को बेच दिया और 30 हजार की धनराशी प्राप्त की और शेष धनराशी 4-5 दिन बाद देना बताया था।
पुलिस टीम ने अभियुक्तों के कब्जे से 20 हजार की धनराशी भी बरामद करते हुए आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की गई।
अपहृत बच्चे के परिजनों एवं क्षेत्रवासियों द्वारा हरिद्वार पुलिस की त्वरित कार्यवाही कर बच्चे को सकुशल बरामद करने की प्रशंसा कर पुलिस टीम का आभार प्रकट किया गया।
पुलिस टीम में थानाध्यक्ष सिडकुल नरेश सिंह राठौड़, वरिष्ठ उप निरीक्षक सुधाशु कौशिक, उप निरीक्षक देवेन्द्र सिह चौहान,कांस्टेबल मनीष,गजेन्द्र प्रसाद,दीपक दानू , महिला कांस्टेबल रीना शामिल रहे!
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