बच्चो का,आर्थिक,मानसिक उत्पीड़न बंद कर दें तो अच्छा होगा ! देवेन्द्र प्रजापति (राज्य मंडल प्रमुख शिव सेना) हरिद्वार!
( अपनी हद में रह कर कार्य करें प्राइवेट शिक्षण संस्थान)
एक भेंट के दौरान शिव सेना के राज्य मंडल प्रमुख श्री देवेंद्र प्रजापति ने कहा कि आजाद होने के बाद भारत देश में आजादी का लाभ प्राप्त करते हुए तमाम एन जी ओ यानी समाज सेवी संस्थाओं का उदय हुआ जिनका उद्देश्य वास्तव में समाज सेवा की आड़ में अपना उल्लू सीधा करना था,, जिसमें कि, बेसहारा, गरीबों की सहायता करना, गरीब, अनाथ बच्चो की शिक्षा में सहयोग करना, राष्ट्र एवम समाज हित में कार्य करना यह सब एन जी ओ के वायलाज में शामिल होता है,, इसके बाद किसी गरीब को दो किले देकर दस लोग फोटो खिंचवा कर सोसल मीडिया पर डालते हैं ,, मिडिया के जरिए एक पौधे को पांच लोग लेकर फोटो खिंचवाते हैं और वह होता है वृक्षारोपण कार्यक्रम,, वास्तविकता से यह ढोंग वर्षों से अनवरत रूप से जारी है जिसमें तमाम एन जी ओ सरकार से भी तमाम काम लेकर मौज मस्ती कर रहे हैं,, अब बात करते हैं असली समाज सेवा की,, तो गौर करें आज भी समाज में मध्यम वर्ग बेहद तनाव पूर्ण जीवन जी रहा है प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा को व्यापार का दर्जा देकर जिस कदर अमीर और गरीब के बीच शिक्षा को लेकर एक दीवार खड़ी कर दी है उसे अनदेखा कर वर्तमान सिस्टम गरीबों का मजाक बना रहा है,, किसी भी सरकारी अधिकारी या उच्च कोटि के नेताओं के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने नहीं जाते,, यह बात आप सभी जानते हैं लेकिन लाचारी वश कह नहीं पाते,, और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की किताबों से लेकर जूते मोजे तक उनके स्कूल मैनेजमेंट द्वारा चिन्हित दुकानों से लेने के लिए अभिभावक मजबूर है ,, साथ मौन इसलिए है क्यों तमाम सरकारी आदेश असासकीय शिक्षण संस्थानों के सामने बौने नजर आते हैं,, आपको याद होगा विगत कई वर्षों पूर्व उत्तराखंड के माननीय शिक्षा मंत्री द्वारा एक आदेश जारी हुआ था कि एन सी आर टी के अलावा कोई भी प्रकाशन नहीं चलेगा,, और इसके बाद तमाम अशासकीय विद्यालयों के मठाधीस जाकर हाई कमान से मिले परिणाम स्वरूप वह आदेश आज भी ठंडे बस्ते में अपने अस्तित्व को बचाने में नाकाम रहा,, इतना ही नहीं आज धन लाभ के लालच में आकर प्राइवेट स्कूलों में समय से फीस न पहुंचने पर, सोक्स, जूते, पुस्तकें उनकी बताई हुई दुकानों से न लाने पर, बच्चो को धूप में खड़ा रखना क्लास में कान पकड़ कर कक्षा 10 या बारह के छात्र छात्राओं को खड़ा रखना एक आम बात हो गई है,, तो फिर वास्तविकता में कहां सो जाती हैं समाज सेवी संस्थाएं,, जिन निर्दोष बच्चो को जो कि बडी क्लासों से ताल्लुक रखते हैं स्कूल मैनेजमेंट के इसारे पर कान पकड़ कर खड़ा किया जाता है ,, उनके अंदर के स्वाभिमान पर क्या गुजरती होगी क्या भारत के किसी भी समाज सेवी या फिर समाज सेवी संस्थाओं ने महसूस करने की कोशिश की है,, नहीं क्यो कि वे तो सिर्फ दिखावा करते हैं,, लेकिन देवेंद्र प्रजापति राज्य मंडल प्रमुख ( शिव सेना)ने कहा कि तमाम अभिभावकों एवम् छात्रों द्वारा मुझे शिकायतें मिली हैं और बहुत ही जल्द उनके निस्तारण की प्रतिक्रिया अपने संगठन द्वारा हम अपनाएंगे,, जिसमें किसी का भी हस्तक्षेप वरदास्त नहीं किया जाएगा वह कोई कितनी भी बडी पहुंच वाला क्यों न हो!
Comments
Post a Comment