वन विभाग अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाहन नहीं कर पा रहा पढ़िए पूरी खबर। हरिद्वार।
संपादक शिवाकांत पाठक।
एक फिल्मी गाने में सुना था सावन जब आग लगाए तो उसे कौन बचाए,, मतलब साफ है कि यदि सफाई कर्मचारी कूड़ा निस्तारण बंद कर दें,, या वे खुद कूड़ा फैलाने लगे तो सोचिए क्या होगा,, वन विभाग की संरचना सरकार द्वारा इसलिए की गई है कि वह वन्य जीवों के साथ उनसे आम लोगों की सुरक्षा की सचमुच व्यवस्था करे , साथ ही प्रकृति का दोहन चाहे वह खनिज हो अथवा वृक्ष या फिर जंगली पशुओं की खाल आदि की तस्करी पर पूरी तरह से नियंत्रण हो सके ,, लेकिन वन विभाग वन संपदा की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल है चाहें वह गंगा की सहायक नदियों से अनवरत जारी खनन से सम्बन्धित हों या फिर जंगली जानवरों का रिहायशी इलाके में विचरण आदि तमाम बातें प्रश्न चिन्ह साबित करती हैं, आज विकास भवन में जंगल से आए सांभर जो कि कई दिनों से घूम रहा था और तमाम लोगों को घायल कर चुका था,, जिसकी सूचना देने पर वन क्षेत्राधिकारी श्री नेगी जी मौके पर आए और उसे पकड़ कर ले गए,, लेकिन गौर करने की बात यह है कि ,, उन्होने विकास भवन की, महिलाओं, बच्चों, और लोगों को शख्त हिदायत देते हुए कहा कि कोइ भी व्यक्ति विडियो ना बनाए,, आप सोचिए ऐसा क्यों कहा गया,,,, इन सभी बातों के साथ ही फलदार वृक्षों की अवैद्य कटान में भी हरिद्वार धरम नगरी किसी भी मायने में पीछे नहीं है,, वन विभाग जानता है कि कहां पर आम में बाग बड़ी निर्दयता पूर्ण ढंग से काटे गए हैं,, लेकिन मौन रहकर अपने उत्तरदायित्वों से किनारा करते दिखाई दे रहा है,, जंगल प्रति दिन होने वाली अवैद्य कटान भी वन विभाग की कार्य शैली पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रही है,, शिव सेना प्रदेश प्रमुख देवेन्द्र प्रजापति एवम जिला अध्यक्ष लखन सिंह तथा मीडिया प्रभारी गढ़वाल मंडल शिवाकांत पाठक ने कहा कि शीघ्र ही इस बात को लेकर माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड से शिव सेना के प्रमुख पदाधिकारियों की मुलाकात होगी ताकि वास्तविकता से उन्हें रूबरू कराया जा सके,.!
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