चुनाव करीब आते ही टर्र टर्र करते हैं रायता चंद्र,,छुट भैया नेता जी।। महावीर सिंह गुसाईं।

 


स.संपादक शिवाकांत पाठक।



हास्य व्यंग लेख,, महावीर सिंह गुसाई।


किसी नेता या रायता चंद्र का अपने परिवार और पत्नी से उतना संबंध नहीं होता जितना कि अपनी राजनीतिक कुर्सी से होता है खास कर बरसात में यानी चुनाव यदि करीब आते हों तो फिर नेता जी यानी रायता चंद्र तरह तरह के रंग बदलते नजर आते हैं,, यानी कि टर्र टर्र की आवाजें आने लगें तो समझ लें कि चुनाव करीब हैं,,,मतलब चुनाव के आसपास नेता जी यानि कि रायता चंद्र कुर्सियोचित बीमारी के शिकार होते दिखते हैं,, लोग कहते हैं कि तब उनकी पत्नी भी उनके साथ रहने से कतराने लगती हैं, क्योंकि उस समय उनके राजनीतिक पतिदेव पर हर आधे घंटे के बाद चीख-चीखकर बोलने का दौरा पड़ने लगता है ,, वे रायता चंद्र अचानक ही किसी भी कार्यक्रम में सेल्फी लेने लग जाते जिससे कि शोभा यात्रा या फिर कोई भू धार्मिक कार्यक्रम हो नेता जी फोटो सबसे आगे चमकता दिखता है। उस समय उन्हें पूरा बेडरूम, बेडरूम की तरह नहीं दिखाई पड़ता, बल्कि राजनीतिक श्रोताओं से भरी हुई एक विशाल जनसभा की तरह दिखाई पड़ती है जिसे वह अपने लच्छेदार भाषणों से संबोधित और सम्मोहित कर रहे होते हैं,, जबकि समाज सेवा से उनका दूर दूर तक कोई भी सरोकार नहीं होता। 


आज कल बच्चे पढ़ाई में कम ध्यान दें रहें हैं,, क्यों कि उन्हें पता चल गया है कि साठ वर्ष की उम्र तक सरकार की सेवा के बाद मेवा, यानि कि पेंशन नहीं मिल सकती तो फिर भाड़ में जाए पढ़ाई,, नेता जी के आगे पीछे नेता जी जिंदाबाद करने में ही भलाई है,, मतलब रायता चंद्र बनने में ही भलाई है,,


वैसे तो मैं समझता था कि नेता वास्तविक रूप से तन मन धन से देश और समाज की सेवा करता है,, उसके पास रहने के लिए दो गज जमीन भी नहीं होती,, वह समाज सेवा में सब कुछ लुटा देता है,,


लेकिन जब न्यूज में देखा कि नेता के घर इनकम टैक्स की रेट पड़ी और अकूत संपत्ति मिली तब पता चला कि लोग क्यों खुद और अपनी अर्धांगनी को भी चुनाव मैदान में उतरने के कतराते नहीं हैं,,, प्रधान भले ही महिला हो तूती तो पति की ही बोलती है,, यानि कि रायता चंद्र की जय हो ,,


नेता जी जिंदाबाद , जिंदाबाद के नारे लगाने वाले एक चमचे ,, मतलब रायता चंद्र ने नेता जी से पूछा की मेरे लिए क्या सोचा है आपने,, नेता जी बोले मेरे द्वारा जो भी विकास कार्य कराए जाते हैं तुम सब जिंदावाद बोलने वाले उन कार्यों में अपनी सेल्फी लेकर एफ बी में डाल दिया करो,, और सुनो यह महा मंत्र किसी को बताना मत,, लेकिन जब यह कार्य तमाम रायता चंद्र करने लग जाते हैं तो,, आपस में चमचों में टकरार की स्थिति देखी जाती है ,, कि टिकट किसे मिलेगा यह तो भविष्य बताएगा,, ऐसा बोलने लग जाते हैं,,,


क्यों कि राम चरित मानस में लिखा है कि,,,

फुरै मंत्र जब करै दुराऊ,,,


छुपाने से मंत्र सिद्ध होता है,,


चेला गदगद हो गया ,, बोला धन्य है आपकी महिमा,, जैसे हरि अनंत हरि कथा अनंता,,


ठीक वैसे ही आपकी महिमा अपरम्पार है,,,,

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