यह दुनियां नाट्यशाला है आप सभी कलाकार हैं अपने रोल को निभाओ वरना,,। राष्ट्रहित एवम समाज हित में समर्पित लेख।

 


स.संपादक शिवाकांत पाठक।


धरम नगरी हरिद्वार को भगवान विष्णु का हृदय माना जाता है,, वल्कि वास्तव में यह उनका हृदय है भी क्यों यहां पर 60 हजार ऋषि मुनियों को सूत जी ने श्री मद भागवत कथा सुनाई है,, यहां पर तैनात अधिकारी कर्मचारी गण जो यह समाचार , लेख पढ़ रहे हैं वे कृपया अवश्य ध्यान दें कि तीर्थ स्थलों पर किए गए प्रत्येक पाप का हजार गुना अधिक कर्म फल प्राप्त होता है,, यदि आप सोचे कि मैं यह सब नहीं मानता,, क्यों कि गलत कार्य करने वाले आज सुखी देखे जाते हैं,, तो इसका अर्थ यह है कि आप अपनें विवेक को समाप्त कर चुके हैं,, क्यों कि प्राचीन ग्रंथ या बुजुर्ग लोगों के द्वारा जो भी कहा या लिखा गया है वह सब पूरी तरह से सत्य है,, आपने सुना होगा कि अंत में सत्य की विजय होती है,, सत्य और असत्य के युद्ध में प्रारंभ असत्य से होता है और अंत सत्य निर्धारित करता है,, रावण को  ईश्वरीय प्रेरणा से हनुमान , अंगद, ही नहीं वल्कि उसकी धर्म पत्नी मंदोदरी,, उसके सगे भाई विभीषण ने समझाया कि राम,, यानि सत्य से वैर मत करो वरना परिणाम में कुल का नाश होगा,,  यानि कि असत्य मार्ग पर अग्रसित रावण नहीं माना ,, और वन में रहने वाले एक साधारण व्यक्ति जो कि सत्य पर निष्ठावान, धर्म पथ पर चलने वाले चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ के पुत्र ने सिर्फ प्रथ्वी ही नहीं सभी लोको को पराजित करने वाले रावण को उसके परिवार सहित मार दिया,, थोड़ा दिमाग पर जोर देकर सोचिए की यदि यह कुछ झूठ है तो फिर कोरोना काल में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले, भीख मांग कर खाने वाले,, सड़को पर सब्जी बेचने वाले लोग क्या कोरोना बीमारी की चपेट में ज्यादा आए हैं या उनकी संख्या कम है,, उत्तर आपका अपना विवेक और मन स्वयं देगा,, आज से बीस साल पहले जो बीमारियां इस दुनियां में कभी नहीं देखी गई क्या आज उन बीमारियो का कोई इलाज है,,,? नहीं,, आपने सुना होगा कि डॉक्टर ने बताया है कि जब तक दवा लेते रहोगे तभी तक कुछ आराम मिलेगा,, तो फिर सत्य क्या है ये नई बीमारियां कही हमारे कर्म फल का परिणाम तो नहीं हैं,,

जब जब भी अपने कर्तव्य मार्ग से इंसान भटका है तो प्रतियोत्तर में उसे और उसकी आने वाली पीढ़ियों को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ें हैं,, आप जिस पद पर कार्यरत हैं उसके लिए निष्ठावान रह कर कार्य करें,, मतलब साफ है कि यदि आप किसी जिम्नेदार पद पर हैं तो वह जिम्नेदारी आपके पूर्व जन्म के प्रारब्ध अनुसार अपको ईश्वर द्वारा सौंपी गई है,, जिसे आप निभाते समय स्वयं सतर्क रहें,, क्यों कि ईश्वर का सी सी टी वी कैमरा आपके अंतर्मन तक की सभी अच्छी बुरी धारणाओं को कैद कर लेने में सक्षम है,,

सदैव ही अपने कर्मो के अनुसार किसी को भी दुख प्राप्त न हो ऐसे कर्म करें,,


 जिसने भी इस संसार को बनाया है उसके प्रति सदैव समर्पित रहते हुए अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाहन करें,


यदि आप घर के मुखिया हैं तो आप समझे कि आप इस संसार रूपी नाट्य मंच पर हीरो का रोल अदा कर रहे हैं,, कहीं भूल ना करें ,,,


सदैव राष्ट्र एवम समाज के हित में काम करें,


परिणाम,,,,


आप या आप का परिवार सदैव ईश्वर द्वारा सुरक्षित रहेगा,, संताने भी संस्कारवान होंगी,, आप खुद को अंदर से प्रसन्न नजर आएंगे,,


एक बार यह सब बातें अजमा कर जरूर देखें,, और सोचे कि साथ क्या जायेगा,,🙏🙏🙏🙏🙏


यह लेख किसी को व्यक्ति विशेष की निंदा या सराहना से सम्बन्धित नहीं,,

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