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हरिद्वार में 23 वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रहेगी विभिन्न कार्यक्रमों की धूम !! हरिद्वार !

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(  हरिद्वार के नवोदय नगर वार्ड नंबर तेरह में भी धूम धाम से मनाया जाएगा राज्य स्थापना दिवस ,, दीपक नौटियाल चेयर मैन प्रतिनिधि ) संपादक शिवाकांत पाठक! मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन ने 23वें राज्य स्थापना दिवस समारोह 09 नवम्बर के सम्बन्ध में अवगत कराया है कि जनपद के सभी विद्यालयों में प्रश्नोत्तरी, निबन्ध प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा, जिसमें  उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 03 छात्रों को पुरस्कृत भी किया जायेगा । श्री प्रतीक जैन ने बताया कि 09 नवम्बर को जनपद के विभिन्न विभागों द्वारा बहुद्देशीय शिविर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभागार प्रांगण में लगाया जायेगा, जिसमें सभी विभाग अपनी-अपनी विभागीय योजनाओं को प्रदर्शित करेगें। इसके साथ ही विभिन्न विभागों से जो भी पात्र लाभार्थी होंगे, उन्हें योजनाओं का लाभ मुख्य अतिथि के माध्यम से सभागार में ही दिलाया जायेगा। इस अवसर पर रक्त दान शिविर का आयोजन भी ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में किया जायेगा। इसके अतिरिक्त ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्याल से विभिन्न विभागों, स्कूल काले...

कल उत्तराखंड स्थापना दिवस समारोह होगा संपन्न! नवोदय नगर हरिद्वार!

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संपादक शिवाकांत पाठक !! दीपक नौटियाल चैयरमैन प्रतिनिधि ने सभी उत्तराखंड वासियों को 9 नवंबर " उत्तराखंड स्थापना दिवस " की हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करते हुए कहा कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी बड़े हर्षोल्लास के साथ नवोदय नगर में उत्तराखंड स्थापना दिवस का रंगारंग सांस्कृतिक समारोह  आयोजन पर्वतीय बन्धु समाज समिति द्वारा पुराने पीठ मैदान में किया जा रहा है। । इस अवसर पर मुख्य आकर्षण में पहाड़ी संस्कृति के प्रतीक ढोल, दमौ, मसुकबीन, ध्वजा पताका, नंदा देवी डोली  की यात्रा कीर्तन मंडली द्वारा ठीक शाम चार बजे श्री राम मंदिर से सुरु होकर पुराने पीठ तक पहुंचेगी। आप सभी से निवेदन है कि ठीक 3:30 पर श्री राम मंदिर पर परिवार और अपने ईस्ट भाई बन्धुओं के साथ ज्यादा से ज्यादा संख्या में एकत्रित हो देवडोली यात्रा में शामिल हो। आप सभी सम्मानित क्षेत्रिय वासियों से अनुरोध है इस आयोजन में अपनी गरिमय उपस्थिति दर्जकराकर इसे पूर्व की भांति  सफल बनायें ।  आयोजक कर्ता :                      पर्वतीय बन्धु समाज समिति, आप और हम सभी

सत्य परेशान होता है परास्त नहीं होता समझे या नहीं,,,? स.संपादक शिवाकांत पाठक ( राष्ट्रीय महासचिव पत्रकार योग कल्याण समिति ( राजि)

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  ( आपदा में अवसर की तलास करने वाले पत्रकार होते हैं उत्पीड़न का शिकार,,, आखिर क्यों,,? ) आप ने बुजुर्गो से सुना होगा कि सत्य की राह पर चलना चाहिए भले ही कितने भी दुख उठाना पड़ जाएं अंत में विजय सत्य की ही होती,, इस बात के कई उदाहरण इतिहास में मिलते हैं जिन्हे हम झुठला नहीं सकते,! आज बात करते हैं सत्य की तो सोचिए हमारे देश में न्यायपालिकाए बहुत हैं परंतु न्याय आज भी दम तोड़ रहा है,, वादी को मरने के उपरांत ही ज्यादातर न्याय मिलता है,, अपराध रोकने के लिए बहुत ही सुंदर और अच्छी व्यवस्था है,, लेकिन अपराध पहले की अपेक्षा बढ़ रहा है,, यही सत्य है,, तो फिर ऐसा नहीं है कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी है,, वल्कि अपराधी तत्वों की वृद्धि दिनोदिन हो रही है, सुरक्षा व्यवस्था से अपराध जगत का विस्तार काफी है लेकिन क्यों,,? इसके ज़िम्मेदार हम और आप हैं दूसरा कोई नहीं है,,! क्यों कि हम खुद अपनी असीमित अवस्यकताओं कि पूर्ति के लिए असत्य का मार्ग अपनाते हैं,, भारतीय संविधान में मीडिया को स्वतंत्र रखा गया है ताकि वह शासन, प्रशासन, एवम समाज की अच्छाई और बुराई को आम जन मानस तक पहुंचाने का कर्तव्य न...

ईश्वर या जनता जर्नादन को दिखावा पसंद नहीं है! हरिद्वार,, उत्तराखंड,,

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  महावीर गुसाईं पूर्व अध्यक्ष पर्वतीय बंधु समाज! ( जनता की सेवा का ढोंग कर पार्टी का टिकट हासिल करने की कोशिश ) ( जनता ईश्वर का रुप होती है तभी तो भगवान् श्री राम ने जनता की बात को सर्वोच्च मानते हुए अपनी प्राण प्रिय सीता का परित्याग कर दिया था) सवाल है कि जरूरत से अधिक धन का लोग क्या करते हैं, क्यों उसके पीछे पागल हो रहे हैं। मनुष्य को रोटी, कपड़ा व मकान चाहिए,  मनुष्य के अलावा किसी भी जीव को धन की अवश्यकता नहीं होती है और मनुष्य के अलावा अन्य जीवों में बीमारियां भी कम देखने को मिलती है,, ऐसा क्यों है,,यहां तक किसी को धन लालसा है तो वह ठीक कही जा सकती है। पर देखा जाता है कि धन की पूर्ति होने पर वह सदाचारियों  और मुनियों को इतना महत्व नहीं देता,  ज्यादा धनी व्यक्ति अपने आप को भूल जाता है वह झूठ बोलने लग जाता है गलत तरीके से कमाए गए धन के कारण उसकी बुद्धि धन के अलावा परिवार के भविष्य की ओर नहीं जाती,,जितना अपने से अधिक धनियों को देता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य धन संग्रह की ओर बढ़ता चला जा रहा है। उतने धन की आवश्यकता है या नहीं इसका विचार वह नहीं करता, क्योंकि जीवन के लि...

क्या आप प्रेम का वास्तविक स्वरूप जानते हैं,,

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संपादक शिवाकांत पाठक! यदि नहीं तो बने रहें हमारे साथ हम आपको बताते हैं कि प्रेम का वास्तविक अर्थ क्या है,, आपने सुना होगा कि प्रेम ही ईश्वर हैं , साथ ही धार्मिक ग्रंथ श्री राम चरित मानस में गो स्वामी तुलसी दास जी महराज ने लिखा है कि हरि व्यापक सर्वत्र समाना प्रेम ते प्रकट होइ मैं जाना,,  यह बात भगवान शंकर सभी देवताओं से अपने पूर्ण अनुभव और बिस्वास के साथ कहते हैं की  ईश्वर सभी जगह सामान रुप से है लेकिन वह प्रेम से प्रकट होता है,, प्रेम का वास्तविक अर्थ आज की युवा पीढ़ी नहीं जानती वह जिसे  प्रेम करते हैं उसे पा लेने लो जीत समझते हैं ,, यह प्रेम की परिभाषा नहीं है,, यह तो केवल हमारी कामनाओं का बिगड़ा हुआ स्वरूप होता है वह प्रेम नहीं होता,,, प्रेम में अपने को भुला देना ,, खुद को हार जाना हो प्रेम होता है,, जैसे मीरा ने किया,, मीरा कृष्ण से प्रेम करती थीं उन्हें पाना नहीं चाहती थीं अन्त में अपने शरीर सहित कृष्ण में समा गई थीं,, यही है प्रेम का सच्चा स्वरूप,, स्वयं को समाप्त कर ईश्वर में समाहित होने की प्रक्रिया ही प्रेम कहलाती हैं,, जहां एक दूसरे से प्रेम होने पर  शेष एक...

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में 30 सूत्री कार्यक्रम के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। देहरादून !

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  संपादक शिवाकांत पाठक! मुख्य सचिव ने कहा कि जिलों द्वारा प्रत्येक बिंदु पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाए। नोडल अधिकारियों को दिए गए बिंदु की प्रगति की जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने कहा कि जनपदों द्वारा इन 30 बिंदुओं पर लक्ष्य निर्धारित कर प्रतिदिन अपलोड किया जाए। यह एक डायनामिक पोर्टल है इसपर अपनी प्रगति के अनुरूप एक दिन में कई बार डाटा अपडेट किया जा सकेगा। इससे रातों रात रैंकिंग बदल सकती है। मुख्य सचिव ने जनपदों से पोर्टल से सम्बन्धित मुद्दों पर सुधार के लिए भी सुझाव मांगे। कहा कि जनपदों को जो भी समस्याएं आ रही है उन्हें शीघ्र ठीक किया जाएगा। उन्होंने निदेशक आईटीडीए को जिलाधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों को पोर्टल पर शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों की संभावनाओं को तलाशे जाने और जनपद में लागू करने के लिए योजना तैयार किए जाने हेतु प्रतिदिन समय अवश्य निकालें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को अपने अधीन कार्य कर रहे कर्मियों के कार्यों को सरल बनाए जाने पर भी ध्यान दें।  मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी जमीनों में अतिक्रमण, 100 प्रतिशत सेग्रि...

मेरी मां मेरा जीवन,,,,

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 खेलने की उमर में, खिलाने की चिंता समां गई। विस्तर पर जब बीमार मां को देखा,  इस छोटे से बच्चे को खुद ही, काम करने की समझ आ गई।  कैसे भी कर के मुझे, मेरी मां को जिलाना है। उसके खाने और दवा के, लिए पैसा कमाना है।  छोटा हूं तो क्या हुआ, हूं मेरे इरादे कमजोर नही है। मेरे लिए मेरी मां से बढ़कर, कोई और नही है।  कुछ नहीं है ये बोझ मैं मां के, लिए कुछ भी कर सकता हूं।  मेरी रगों में मेरी मां का ही खून है, उसे भी बेच कर उसका, इलाज करा सकता हूं।  ओ पैसे वालों तुम बस तरस, दिखा सकते हो।  मुझे मासूम समझ बस दया, दिखा सकते हो।  मेरी तस्वीर खींच मेरी गरीबी, का मजाक उड़ा सकते हो, और इससे भी बढ़कर चंद पैसे, मुझे देकर मेरे साथ अपनी, तस्वीर खींच कर स्टेट्स, पर  लगा सकते हो। 🙏🙏🙏 शिवाकांत पाठक हरिद्वार उत्तराखंड खबरों के लिए सम्पर्क करें,,9897145867