एक परोपकारी व्यक्ति जिसे कोई समझ ना सका ! हरिद्वार!
स. संपादक शिवाकांत पाठक! दुनियां की चापलूसी , लालच, फरेब से दूर मानवता को ही सबकुछ मानने वाला एक ऐसा इंसान जो हर किसी पर बिना किसी संदेह के विश्वास कर बदले में धोखे का शिकार होता रहा धनवान होकर भी धन का लालच नहीं था उसे लेकिन कटी पतंग की तरह हर किसी ने लूटा जमाना कहां से कहां पहुंच गया उसे नहीं मालूम था वह तो चला जा रहा था सच की राह में अकेला सिर्फ अकेला आखिर कौन था वह सख्स जानते हैं आप ? वह था एक साधारण जीवन जीने वाला व्यक्तित्व का धनी व्यक्ति प्रदीप चौधरी जिसे लाक डाउन में बेसहारा लोगों की भूख देखी नहीं गई बराबर कई माह सभी को भोजन व राशन देना उसकी सोच बन गई थी आज वह व्यक्ति खुद को अकेला समझ कर मतलबी दुनियां के लोगों के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है सभी के लिए जीने वाले को लूटने वाले तो तमाम थे लेकिन आज समाज , व प्रशासन सभी चुप हैं क्यों ? क्या यही है मानवता ? क्या आज सभी का फर्ज नहीं बनता की सभी के दुख में साथ देने वाले का साथ दें ! बेहद सोचनीय विषय है !
Mai ap k sath hu monu bhya jha ap ka pasina bahega vha ham khun bahane ko tayar hai ap ka chota bhai.V.K
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