क्या आप भी जुड़ेंगे मेरे संगठन से,स्वागत है,,, इन्शानी संगठन जिंदाबाद,!

स संपादक शिवाकांत पाठक,, एक बार मैं कहीं जा रहा था देखा कि एक कौआ बिजली के तार पर करंट लगने से मर गया सैकड़ो कौए कांव कांव करते हुए आ गये भारी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी,, वहीं थोड़ा और आगे बढ़ा तो एक लावारिस लाश का अंतिम संस्कार सरकार द्वारा किया जा रहा था दो चार लोग ही दिखे वहां,, अंदर से मेरे मन में विचार उमड़े कि क्या जानवरो और पक्षियों से बदतर है इन्शान, एक चीटी भी मरती है तो उसे चीटियाँ उठा कर ले जाती है आप सभी ने भी देखा होगा,, फिर ऐसा क्यों,, तभी मैंने सोचा एक संगठन हम भी बनाते है मानव सुरक्षा संगठन,, जिसमें केवल इन्शान ही होंगे और क़ोई नहीं न क़ोई जाति न धर्म,, सिर्फ इंसान होंगे,, केवल वे इन्शान जिनमें इन्शानियत होना आवश्यक हैँ,, वह संगठन इन्शानियत की रक्षा एवम पोषण करेंगा, जहाँ भी इंसानियत पर हमला होगा उस संगठन के सदस्य पलक झपकते ही वहां पहुंच जायेगे,, इंसानियत के हमलावारो का मुकाबला करेंगे,,आपका भी स्वागत है हमारे संगठन में,, लेकिन पहले सोचिये क्या आप वास्तव में इंसान हैं,,?