भगवान श्री कृष्ण ने क्यों कहा कर्म ही पूजा है ? हरिद्वार ! स. संपादक शिवाकांत पाठक!
ऐसा नहीं है कि कर्मशील व्यक्ति के लिए कुछ भी असंभव हो लेकन कर्म करने की सकारात्मक सोच हमारे अंदर केवल भगवान की प्रेरणा से ही आती है वरना कर्म करने के पूर्व तमाम नकारात्मक विचार हमको हतोत्साहित करते हैं हरिद्वार में पुलिस स्टाफ व जिम्मेदार अधिकारी हैं लेकिन अपने सीनियर का सम्मान करते हुए बखूबी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने अधीनस्थों को परिवार समझ कर कामयाबी के शिखर तक पहुंचने वाले लोग भुलाए नहीं भूलते जिनमें एक नाम कमल मोहन भंडारी का भी आता है साथ साथ दिए का साथ बाती भी निभाती है अपने सीनियर या बड़ों से जो शिक्षा लेते हैं वे भी आगे चल कर इतिहास बनाते हैं जिनमें लखपत सिंह बुटोला थानाध्यक्ष सिडकुल का नाम उभर कर सामने आया जिन्होंने कोर्ट चौकी इंचार्ज से सिडकुल थानाध्यक्ष तक का सफर तय किया वह भी अपने सीनियर कमल मोहन भंडारी के पद चिन्हों पर चल कर क्योंकि खनन माफिया हों या सट्टे बाज, चोर हो या लुटेरा लखपत सिंह बुटोला व सिडकुल पुलिस के चंगुल से बचना नामुमकिन होता है यही सब कुछ था कमल मोहन भंडारी में जिन्होंने आज थानाध्यक्ष से इंस्पेक्टर तक का सफर बखूबी तय किया अब आप ही सोच सकते हैं कि पुलिस विभाग में भी अभी भी शत प्रतिशत ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाने वाले लोग अभी हैं एस एस पी हरिद्वार व समाज सेवियों के द्वारा सम्मानित ये जिम्मेदार पुलिस के लोगों की जान हर समय हथेली पर रहती है ! हम ऐसे ईमानदार पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्म चारियों को शत शत नमन करते हैं!
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