बीते अतीत की यादों के झरोखे याद करते हुए नए साल की शुभकामनाएं !! हरिद्वार!

संपादक शिवाकांत पाठक! हम सच कहते ही नहीं बल्कि लिखते भी हैं याद रखना ,,,,, भूलना प्रकृति की व्यवस्था है और याद रखना हमारा धर्म या आप उसे फर्ज भी कह सकते हैं ,, बड़ी बड़ी घटनाएं व्यक्तियों के सामने हो जाती हैं कुछ दिन बाद वह भूल जाता है यदि ऐसा न हो तो उसका जीवन अव्यवस्थित हो सकता है इसलिए ईश्वर की व्यवस्था के अनुरूप मनुष्य हर घटना को भूल जाता है लेकिन कुछ घटनाएं भुलाने पर भी नहीं भूलती वे याद रखना चाहिए ,, हरिद्वार जनपद में जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय जैसे एक निष्पक्ष कार्यशैली के लिए सदैव समर्पित रहने वाले अधिकारी का आना साथ ही उनके द्वारा लिए गए तमाम निर्णय एवम् दिए गए निर्देशों से तमाम भूमाफियाओं अतिक्रमण कारियों में खलबली मंचना ,, तहसील दिवस,, समाधान दिवस ,, दैवीय आपदा हेतु विशेष प्रयास आदि अनेकानेक कार्य उनकी सराहनीय कार्य शैली का प्रमाण है ,, वहीं दूसरी ओर जिले की सुरक्षा का भार एस एस पी अजय सिंह जैसे दूरगामी सोच के अनुसार सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे चप्पे पर नजर रखने,, अपह्रत बच्चो की अल्प समय में सकुशल वापसी कराने वाले ,,साथ ही अपराध जगत के लिए अपने विवेक के अन...