पत्रकारों को पत्तल कार लिखने वाला मांगे माफी वरना शीघ्र होगी कार्यवाही ! उमेश राणा (अध्यक्ष नेशनल पत्रकार हेल्प यूनिट )
(पत्रकारों में रोष व्याप्त )
,, उमेश राणा नेशनल पत्रकार हेल्प यूनिट के राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना प्लस चेनल के वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि एक पत्रकार द्वारा निकाली गई एक खबर पर बौखलाहट में आकर एक पत्रकार द्वारा पत्रकारों को पत्तल कार लिखना यह मानसिक कमजोरी को दर्शाता है एवम् बेहद निंदनीय है जबकि बचाव का यह तरीका जल्दबाजी एवम् अल्पबुद्धि को दर्शाता है ,, क्यों कि बचाव का रास्ता न देख उसने बौखलाहट में खुद को झल्लाहट में बाप भी लिख दिया एक पत्रकार को लिखा कि मै तुम्हारा बाप हूं दिमाग में रखूंगा ,,, कितनी छोटी सोच का उदाहरण पेश किया गया ,, यदि शीघ्र ही उपरोक्त पत्रकार द्वारा लिखित में भूल सुधार कर माफी नहीं मांगी तो राष्ट्रीय स्तर पर समस्त पत्रकार उचित कदम उठाने के लिए विवश होंगे ,,,आप सोचिए कि छवि को वह धूमिल कर रहा है जो वीडियो में बोल रहा है फिर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाला पत्रकार दोषी कैसे हुआ साथ ही पत्रकार को कक्षा तीन पास बौखलाहट में लिखा गया और तो और पत्रकार को पत्तर कार लिखने वाला कितना काबिल और होशियार होगा यह भविष्य तय करेगा क्यों कि पत्रकारिता बुद्धि विवेक से ही संभव हो सकती है बिना विवेक के आम जन मानस की समस्यायों को शासन के सभी निर्देशों का अनुपालन करते हुए लेखनी के माध्यम से सम्पूर्ण भारत में पहुंचाना कोई भी मजाक नहीं होता ,, अपनी वास्तविकता को देख दोषी व्यक्ति यदि हुंकार भरता है तो युद्ध के सभी नियम एवम् मर्यादाएं तोड़ देता है ,, और यहीं से शुरू होता है कलम युद्ध कौन जीतेगा कौन हारेगा यह सब भविष्य तय करेगा लेकिन मामले की गहराई तक जाकर विस्तृत जांच तो अब हरीद्वार प्रशासन के विवेक पर आधारित है ,,
आपके युद्ध के बारे में सुना होगा युद्ध के कितने प्रकार के होते हैं शायद आप न जानते हों तो चलिए आप को जानकारी दिलाने के उद्देश्य से कोशिश करता हूं ,,क्रांतिकारी युद्ध, गृह युद्ध, छापामार युद्ध, विद्रोह एवं प्रत्याद्रोह युद्ध, असमान युद्ध एवं आतंकावाद युद्ध,, परोक्ष युद्ध, अपरोक्ष युद्ध ,, शीत युद्ध, मल्ल युद्ध, वाक युद्ध, कीटाणु युद्ध, परमाणु युद्ध, जल युद्ध के बाद एक अहम भूमिका निभाने वाला युद्ध होता है कलम युद्ध इसकी मारक क्षमता योद्धा की शक्ति पर निर्भर करती लेकिन जब इसका उपयोग अपने निजी व्यक्ति गत बचाव के लिए न किया जाए क्यों कि कलम पर कभी भी किसी का एकाधिकार नहीं रहा जो लोग कलम की उपयोगिता जानते हैं वे कभी उत्तेजित होकर इसका दुरुपयोग नहीं करते !
Comments
Post a Comment