अभी भी गावों में जीवित है भारतीय संस्कृति ! जालौन (उत्तर प्रदेश)
संपादक शिवाकांत पाठक!
इस तस्वीर को पहचानो आपको जरूर एक सच्चे भारतीय संस्कृति से परिपूर्ण संस्कार वान बेटा नजर आएगा क्यों कि आज का भारतीय पूरी तरह से विदेशी सभ्यता के अधीन होकर संस्कार भूल चुका है, हाय हेलो के चक्कर में वह भूल गया कि एक पिता को डैड कह कर हम कितनी बड़ी भूल कर रहे हैं इस संस्कारवान बेटे का नाम विजय सिंह सेंगर है जो अपने जन्म दिवस पर अपने बाबा जी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ले रहा है , जब बदलते भारत की नई पीढ़ी अपने डैड से पैसे लेकर दोस्तो के साथ पिज्जा, बर्गर, चाउमीन आदि खाकर भारतीय संस्कृति का मजाक बनाते हैं ,, संस्कारी बच्चे के जन्म दिवस पर स.संपादक शिवाकांत पाठक ने वी एस इन्डिया न्यूज चैनल दैनिक साप्ताहिक विचार सूचक समाचार पत्र सूचना एवम् प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त परिवार हरीद्वार उत्तराखंड की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करते हुए कहा कि ऐसे बच्चे ही आगे चल कर परिवार, समाज एवम् देश के गौरव को बढ़ाते हैं!
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