मां गंगा की पवित्रता पर भारी पड़ी मानव की स्वर्थांधिता! हरीद्वार !
संपादक शिवाकांत पाठक!
अलकनंदा घाट की तस्वीर
मुकेश राणा उत्तराखंड की रिपोर्ट,,,
( पवित्र गंगा की वेदना एवम् अंतर्व्यथा)
भागीरथ के साठ हजार पूर्वजों को शांति एवम् मोक्ष प्रदान करने के लिए भगवान शिव ने मां गंगा को पृथ्वी लोक में भेजा था क्यों कि गंगा के वेग को सहन करने की सामर्थ्य तीनों लोकों में किसी में नहीं थी इसीलिए उनके वेग को शिव ने अपने मस्तक पर जटाओं में स्थान दिया ,, जानते हैं क्यों ? क्योंकि मां गंगा की उत्पति भगवान विष्णु के चरणों से हुई है और भगवान आशुतोष शिव विष्णु के अवतार राम के अनन्य भक्त हैं तो आराध्य देव के चरणों से निकलीं गंगा को शिव अपने सिर पर ही स्थान दे सकते हैं !
अब आते हैं सच की जिस सच को कहने,सुनने, लिखने , बताने से लोग कतराते हैं ,, वह सच यही है कि हम प्रचिं भारतीय संस्कृति की धरोहर मां गंगा की पवित्रता की रक्षा करने की बजाय उन्हें अपवित्र करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं लेकिन सोचो हमारा अस्तित्व हमारी संस्कृति है यदि हमने प्राचीन भारतीय संस्कृति के प्रमाण स्वरूप मां गंगा को अस्तित्व विहीन कर दिया तो फिर खुद को आप कैसे साबित करेंगे कि आप एक भारतीय हैं ! गंगा किनारे पड़ी शराब की बोतलें खुद इस बात का प्रमाण हैं कि हम केवल बड़ी बड़ी बातें कर सकते हैं लेकिन अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभा सकते ,, हमारे भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री मोदी जी भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखकर ही नमामि गंगे , गंगा स्वक्षता अभियान या पखवाड़े की बात ही नहीं वल्कि कार्य रूप में परिणित करते हैं और हम आस्था को ताक में रखकर निजी लाभ के लिए धर्म की रक्षा करने की बजाय अपनी धार्मिक नगरी की मर्यादाओं को तार तार कर रहे हैं ,, मेरा उद्देश्य केवल यह है कि हमारा राजा सही है लेकिन उसकी आड़ में लोग अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं,, क्यो कि मानसिकता को बदल दिया गया है ,, सभी कार्यों के लिए लोग पुलिस को दोषी ठहराया करते हैं आखिर क्यों,, हरीद्वार की आबादी एवम् पुलिस के लोगों की गणना करिए ,, क्या पुलिस बल सभी जगह मौजूद रह सकता है? नहीं तो आप का दर्ज क्या बनता है ? आप भारतीय नागरिक हैं देश के लिए कुछ समय निकालना आपका फर्ज या कर्तव्य बनता है आप राष्ट्र के सजग प्रहरी बन कर अपने देश, प्रदेश, शहर की सारी जानकारी जिला प्रशासन एवम् पुलिस प्रशासन को दें ताकि धार्मिक स्थलों की गरिमा बनी रहे !
गंगा किनारे हो रही थी शराब और गांजा की बिक्री स्थानीय युवकों ने पकड़ा ,,,16 अक्टूबर 2022 कि घटना ,,,
हरिद्वार से 14 सितंबर 2022 को मुदित अग्रवाल जी लिखते हैं कि हर की पौड़ी पर 'काला चश्मा जचदा' गाने पर बनाई वीडियो देखकर भड़के साधु-संत
धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा किनारे कुछ युवक-युवतियों ने नाचते-गाते वीडियो बनाया, जो कि सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. वीडियो को लेकर गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने सख्त टिप्पणी की है. वशिष्ठ ने कहा कि हर की पौड़ी पर अमर्यादित वीडियो या फिर सोशल मीडिया के लिए रील बनाने को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
दैनिक जागरण समाचार पत्र में छपी खबर👇
तीर्थनगरी में नशेड़ियों का अड्डा बना नवनिर्मित नमामि गंगे घाट, बिखरीं पड़ी हैं शराब की खाली बोतलें,,5 मार्च 2022 की घटना ,,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हरिद्वार के चंडी घाट पुल के नीचे नमामि गंगे घाट के साथ ही नमामि गंगे श्मशान घाट का निर्माण भी कराया गया था। जिससे दूर दराज से दाह संस्कार करने वाले स्वजनों को अब बरसात एवं अन्य दिनों में परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। वहीं इसी योजना के तहत श्यामपुर के गंगा तट पर भी एक श्मशान घाट का निर्माण कराया गया था, जो लगभग पिछले तीन वर्ष पूर्व पूरा हो चुका है। इसे जन जागरूकता का अभाव ही समझिए कि तीन वर्ष होने के बावजूद भी अभी तक इस श्मशान घाट में एक भी दाह संस्कार नहीं कराया गया है।
अमर उजाला 25 अप्रैल 2016👇
हरिद्वार में गंगा में गिर रहे 40 गंदे नाले
धर्मनगरी में जीवनदायिनी गंगा में निरंतर गिरते गंदे नाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गंगा की स्वच्छता के दावों को आइना दिखा रहे हैं। मोदी सरकार को दो साल होने को हैं। अभी भी गंदे नाले गंगा में ज्यों के त्यों के त्यों गिर रहे हैं।
अनगिनत छोटी नालियों की गंदगी गंगा में जाने से रोकना तो दूर टेपिंग के लिए चिह्नित पांच बड़े नाले गंगा नदी में गिराए जा रहे हैं। बजट नहीं मिलने के चलते दो साल से पेयजल निगम की निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) के इंजीनियर खाली बैठे हैं। केंद्र की नमामि गंगे योजना का दूर-दूर तक अता पता नहीं है।
पांच बड़े गंदे नालों की टेपिंग, पुराने टेप नालों के सुधार कार्य आदि की डीपीआर फाइलों में अटकी हुई है। कार्यदायी संस्था की ही बात को सही मान लिया जाए तो धर्मनगरी में 40 एमएलडी सीवर सीधे गंगा जा रही है।
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