पद या प्रशंसा के लिए नहीं फर्ज समझ कर जन सेवा करता हूं ! महावीर गुसाईं ! हरिद्वार !
एक भेंट वार्ता के दौरान पर्वतीय बंधु समाज के अध्यक्ष महावीर गुसाईं ने कहा कि प्रत्येक मानव का कर्तव्य बनता है कि वह मानव जीवन में दूसरों के काम आए क्यों कि परोपकार या किसी की मदद करने का मौका बड़े सौभाग्य से प्राप्त होता है मानव जीवन का आधार ही निष्काम कर्म योग है मैंने एक फिल्मी गाने को सुना था आपने भी सुना होगा,, अच्छा है कुछ ले जाने से देकर ही कुछ जाना ,, चल उड़ जारे पंछी ,,,,
यह केवल गाना नहीं वल्कि जीवन का मूल मंत्र भी है क्यों कि जीवन तो जानवर , पक्षी आदि तमाम जीव जीते हैं परन्तु क्या उनका जीवन सार्थक सिद्ध होता है ? नहीं क्यों कि मनुष्य उस परमात्मा की अनुपम कलाकृति है !
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