हरिद्वार के प्रतिष्ठित बुद्धि जीवियों ने दीं देश व प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं!🌹🌹🌹🙏
समाज सेवी अशोक शर्मा ने शुभ दीपावली के पावन पर्व पर देश प्रदेश एवम् हरीद्वार , नवोदय नगर की जनता को हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करने के साथ ही अध्यक्ष राजीव शर्मा नगर पालिका शिवालिक नगर को उनके जन्म दिवस पर अंतर्मन से हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान करते हुए कहा कि कर्मठ लगनशील युवा नेता के रूप में राजीव शर्मा ने अपनी निष्पक्ष कार्यशैली से जनता में जो पहचान बनाई है ईश्वर उनकी इस कार्य प्रणाली को उत्थान की ओर अग्रसर करे यही मेरी कामना है ,,
संपादक शिवाकांत पाठक!
ग्रीन वैली प्रोपर्टीज सस्ते व सुविधाजनक प्लाट मकान,, सुमन नगर हरिद्वार , गरीबों के लिए पूरी तरह समर्पित जन कल्याण सेवा ट्रस्ट
,,, अंधकार पर प्रकाश , असत्य पर सत्य, निराशा पर आशा, दुखों पर सुख , अन्याय अत्याचार पर न्याय की विजय का प्रतीक पर्व शुभ दीपावली पर हरिद्वार के प्रबुद्धशाली , वरिष्ठ समाज सेवियों , जन सेवियों , जनप्रतिनिधियों , प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों , व्यापारियों द्वारा देश एवम् प्रदेश के साथ हरीद्वार वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान की गई व देश की सुख शांति के लिए भी मां सरस्वती, लक्ष्मी ,, से प्रार्थना की गई बधाई देने वालों में मुख्य रूप से निम्न लिखित लोग हैं 👇🌸🌸🌷🌷🌹🌺
दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन पूरे घर को दीयों से सजाया जाता है. वैसे दिवाली पर लोग दीयों के साथ ही अन्य चीजों का भी प्रयोग करते है. लेकिन शास्त्रों में दिवाली के दिन दीये जलाने को विशेष महत्व दिया जाता है. आज दीपावली भारत में रहने वाले हर इंसान के लिए एक अहम त्योहार है. प्रकाश और उल्लास का पर्व दीपावली पूरे भारत के अलग-अलग समुदायों में भिन्न-भिन्न कारणों से मनाया जाता है. दीपावली मनाते तो सभी हैं लेकिन सभी में दीपक जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण या कहानियां प्रचलित हैं. आइए जानें.
5 दिनों तक चलता है दिवाली का उत्सव👇
दिवाली का पर्व को प्रकाश का उत्सव माना जाता है. इस पर्व में दीये जलाने का बहुत महत्व होता है. रोशनी का पर्व माना जाने वाला यह पर्व साल के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक होने के साथ देश भर में मनाया जाने वाला एक सबसे बड़ा पर्व भी होता है. दिवाली उत्सव मुख्य रूप से पांच दिनों तक चलता है. जिसमें महोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है और ये भाई दूज के दिन समाप्त होता है. दिवाली में मुख्य रूप से दीये जलाने का प्रचलन है. दिवाली के दिन दीपक जलाना न सिर्फ एक प्रथा है बल्कि इसे घर के सदस्यों के लिए भी शुभ माना जाता है.
दिवाली पर दीये जलाने का महत्व👇
पौराणिक कथा के अनुसार त्रेतायुग में जब भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण सहित 14 वर्षों का वनवास पूरा करके लौटे थे. उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि थी. अयोध्या वासियों ने उनके आने की खुशी में उनके रास्ते में पक्तियों में दीप जलाए थे. दिपावली में आवली का अर्थ होता है पंक्ति दिपावली दीप और आवली शब्द से मिलकर बना है. उसी दिन से इस परंपरा का आगाज हुआ था.
दीए जलाने से घर में आती हैं खुशियां 👇
इसके अलावा माना जाता है कि दिवाली पर दीये जलाने से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. शास्त्रों में भी इस बात का वर्णन किया गया है कि दीए जलाने से घर में शुभता आती है और वातावरण में भी सकारात्मकता बनी रहती है. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के आगमन के लिए घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है और साथ ही पूरे घर को रोशनी में की जाती है. इसी कारण से घर के हर कोने में दीये जलाए जाते हैं. जिससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो सके. अंधकार से मां लक्ष्मी असप्रसन्न होती हैं और वापस लौट जाती हैं. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा भी मिट्टी से बने दीयों से ही की जाती है. इस दिन सबसे पहले भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के आगे दीया अवश्य जलाना चाहिए. इसके बाद अपनी कुल देवी या कुल देवता और मां गंगा के नाम का दीपक अवश्य जलाएं !
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