प्रशासन की आंखों के सामने निरंतर खनन का अवैध कारोबार जारी !

 



हरीद्वार के जिम्मेदार मौन खनन माफियओं की बल्ले बल्ले

लेकिन शिवालिक गंगा बिहार नवोदय नगर में एक झोलाछाप डॉक्टर कर रहा है डेंगू का इलाज क्यों ?


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नवोदय नगर वार्ड नंबर तेरह के शिवालिक गंगा बिहार में बिना कोई बोर्ड लगाए एक डाक्टर बेखौफ होकर डेंगू का इलाज कर रहा है जो कि बुद्धिजीवियों में चर्चा का विषय बना हुआ है सोचने वाली बात तो यह है कि उस झोला छाप डाक्टर ने किसी भी तरह का कोई भी बोर्ड नहीं लगा रखा है , उसका क्या नाम है वह कहां का रहने वाला है यह बात तो पुलिस भी तभी बता सकती है जब पुलिस वैरीफिकेशन हुआ हो वरना पुलिस को भी निरोत्तर होना स्वाभाविक है तो फिर सोचिए यदि किसी मरीज की जान चली जाए कितना कठिन विषय होगा आरोपी को तलाश करना ? इसकी वजह यह है कि प्रशानिक व्यवस्थाएं काफी हद तक सही तो हैं परन्तु जिम्मेदारियों के निर्वहन से जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी बचना चाहते हैं लेकिन जब इस लापरवाही के परिणाम सामने आते हैं तो फिर मृतकों के परिजनों को अनुदान एवम् सत्वना दिलाने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं बचता जिसके एक नहीं कई उदाहरण सामने हैं जैसे नवोदय नगर की नदी से धारा प्रवाह होने वाला खनन जिसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं लेकिन मामला ठंडे बस्ते के हवाले है ,, गैस एजेंसी में घटतौली जिससे लाखों रुपए प्रति दिन उपभोक्ताओं को नुकसान और एजेंसी धारक को फायदा है ,, मामला ठंडे बस्ते में है जबकि ज्ञात सभी को है मेरा अपना मानना तो यही है कि कैंसर और भ्रष्टाचार एक सिक्के के दो पहलू हैं इसे शुरुवाती दौर में रोका जा सकता है वरना इसका असर शरीर के सभी अंगों पर हो जाता है फिर उसे मिटाना असम्भव होता है इसी तरह भ्रष्टाचार हमारे सिस्टम में इस समय शुरुवाती दौर पर नहीं बल्कि पूरी तरह से व्याप्त हो जाने के कारण इसका अंत असम्भव है ,हां कुछ देर सांत्वना अवश्य मिल सकती !


हमारी सरकारें कह रही हैं कि डेंगू का सरकारी अस्पताल में करवाएं इलाज

काेई भी लैब या प्राइवेट अस्पताल डेंगू बुखार की पुष्टि नहीं करेगा। अगर डेंगू का कोई संदिग्ध मरीज आता है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी देनी होगी। यह आदेश सिविल सर्जन मोहाली डॉ. आर्दशपाल कौर ने जिले के सभी प्राइवेट अस्पताल और लैब के लिए जारी किए हैं।


सिविल सर्जन ने कहा कि डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी के लिए लोगों को काफी ज्यादा जागरूक रहना चाहिए और इसकी रोकथाम के लिए प्राइवेट अस्पतालों को भी स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करना चाहिए। अगर प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू का कोई शक्की मरीज आता है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी जाए।

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