अजय सिंह को पेपर लीक मामले का पर्दाफाश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर सी एम धामी ने दिया था हरीद्वार !
संपादक शिवाकांत पाठक!
हरिद्वार हरि यानी भगवान विष्णु का ह्रदय है जिसकी सुरक्षा व्यवस्था का भार साधारण व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता फिर अजय सिंह एस एस पी को हरिद्वार की सुरक्षा का जिम्मा धामी जी ने सौंपा है जानते हैं क्यों ? क्यों कि ना ही अजय सिंह आई पी एस साधारण हैं और ना ही धामी जी क्यों कि जो भी साधारण व्यक्तित्व का निर्माण अपने खुद के प्रयासों से करता है वह दैवीय शक्तियों से संपन्न व्यक्ति अपनी ऐतिहासिक पहचान बनाने में कामयाब होता है ,, अपने पेपर लीक मामला सुना होगा यह मामला साधारण नहीं था इसमें दिग्गज लोगों की सहभागिता सुनिश्चित थी इस घोटाले ने उत्तराखंड की आन बान शान पर एक सवालिया निशान लगा दिया था ऐसी विषम परिस्थिति पेपर लीक मामले में पर्दाफाश करने हेतु माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे उन्हीं में से एक अजय सिंह आई पी एस भी हैं जिनकी शेर दिली पर उन्हें सी एम पुष्कर सिंह धामी ने सम्मानित करते हुए धरम नगरी हरीद्वार की सुरक्षा का भार सौंपा ताकि हरीद्वार की सुरक्षा व्यवस्था पर आए दिन उठने वाले सवालों पर विराम लग सके ,, क्यों कि सच तो यही है कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का सपना शायद परिवर्तन की प्रक्रिया संपन्न करना है एक नई व्यवस्था,एक नया बदलाव , एक नई प्रेरणा उत्तराखंड में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं मुख्मंत्री पुष्कर सिंह धामी जो कि एक साधारण व्यक्ति की तरह मॉर्निंग वॉक पर जाकर किसी भी ढावे में खड़े होकर खुद को साधारण व्यक्ति साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसी तरह अजय सिंह एस एस पी अचानक पीड़ित के घर पहुंच कर यह साबित कर दिखाते हैं कि वे एक जनता के लिए वास्तविक सेवक हैं जैसे हनुमान जी ने कभी भी गर्व नहीं किया कि उनके अंदर बहुत ही बड़ी शक्तियां हैं वे साधारण रहे ,, जब राम ने पूछा कि हनुमान तुमने चारो ओर से सुरक्षित लंका में सीता का पता कैसे लगाया ,, लंका कैसे जलाई तो हनुमान जी कहते हैं प्रभु मैं तो एक बंदर हूं मेरा स्वभाव है एक डाल से दूसरी डाल पर जाना मैंने कहां लंका में आग लगाई प्रभु यह सब आपका प्रताप है , बस यही निराभिमान व्यक्ति को लक्ष तक पहुंचाने का कार्य करता है ! क्या आपको नहीं लगता कि इस समय पर अचानक हरीद्वार की सुरक्षा को लेकर आए बदलाव कुछ विशेष महत्व रखते हैं ? जैसे गुमशुदी की घटना को नजर अंदाज करने वाले पुलिस कर्मियों को शमशान घाट में ड्यूटी देने का निर्णय ,, नशा करने वालों और नसे का कारोबार करने वालों की का सत्यापन ,, फिर व्हीलर गाड़ियों पर शराब पीने वालों पर शिकंजा कसने हेतु शख्त निर्देश,, गांव गांव में चौपाल लगाकर पीड़ित लोगों की बात सुन कर समाधान करने की पहल , चिन्हित अपराधियो को जिलाबदर करने की प्रतिक्रिया आदि यह सब आपको कुछ नया सन्देश नहीं लगता है क्या ?
आप सभी का फर्ज बनता है कि इस व्यवस्था को प्राथमिकता देने के लिए आप सभी लोग भी पुलिस का सहयोग करें आपका सहयोग ही उत्तराखंड की धरम नगरी हरीद्वार को एक नई दिशा प्रदान करने में अहम भूमिका निभा सकता है !
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