आग वास्तव में लगी है या जान बूझ कर लगाई गई ,क्या है सच ? हरिद्वार सिडकुल !
संपादक शिवाकांत पाठक!
आए दिन सिडकुल हरिद्वार स्थित कम्पनियों में आगजनी की घटनाएं तमाम सवालों को जन्म दे रहीं हैं जिसमें कि औद्यौगिक जगत से जुड़े विभागीय अधिकारी भी मौन रहते हैं क्यों कि सबसे बड़ा सवाल है कि गर्मियों के मौसम में आग जनी की घटनाएं स्वाभाविक होती हैं लेकिन सर्दी के मौसम में यदि आगजनी हो तो संदेह पैदा करती हैं संदेह उचित भी है क्यों कि यदि मान लिया जाए कि गत्ते की वजह से आग लगी तो कावड़ियों के यहां गत्ते का काफी स्टोक होता है वहां आग क्यों नहीं लगती ,, सच तो यही है कि कंपनी द्वारा लिया गया लोन जिसकी अदायगी को लेकर यह चक्रव्यूह रचा जाता है और इस पूरी प्रक्रिया में संबंधित अधिकारियों का पूरा योगदान होता है जिससे हमारे देश की अर्थ व्यवस्था पर महत्वपूर्ण असर पड़ता है ,,
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिडकुल स्थित विक्टोरा कंपनी में अचानक आग लगने की खबर से क्षेत्र में अफरा तफरी का माहौल हो गया जिसकी सूचना कंपनी कर्मचारियों ने अग्निशमन विभाग को दी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे दमकल विभाग की टीम ने करीब आधे घण्टे में ही आग पर काबू पा लिया वही फायर स्टेशन ऑफीसर हरीश चंद्र मिश्रा ने बताया कंपनी के बाहर रखे स्क्रैप गत्ते में चिंगारी के चले जाने से आग लगी होगी!
ऐसा माना जा रहा है आग लगने का अभी कारण स्पष्ट नहीं हो सका है जांच की जा रही है वही कंपनी में किसी के हताहत होने की खबर भी नहीं है गनीमत रही कि आग कंपनी परिसर में नहीं पहुंची इससे पहले ही आग पर काबू पा लिया गया नुकसान का आकलन अभी नही लगाया जा सका है आग लगने के कारणों का पता जांच के बाद ही चल सकेगा जांच की जा रही है।
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