यदि आप जीना चाहते हैं 150 वर्ष तक तो पढ़िए उपाय! स. संपादक शिवाकांत पाठक!
याबद जीवेत सुखम जीवेत,,,,
जल, वायु और अन्न से ही शरीर बनता और बिगड़ता है। जल ही जीवन है। जल का अलग-अलग तरह से सेवन करने से सभी तरह के रोग में लाभ मिलता है। जल योग न केवल उच्च रक्तचाप, कब्ज, गैस आदि बीमारियों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि यह हमारी हड्डियों, मस्तिष्क और हृदय को मजबूत बनाने में भी खास भूमिका निभाता है।
जल को पीतल या कांच के गिलास में ही पीना चाहिए। बहुत से रोगों में किसी रंग की बोतल में रखे जल को पीने की डॉक्टर सलाह देते हैं इसलिए रंगीन बोतलों में रखा जल न पीएं। यह आपके स्वास्थय को बिगाड़ देता है। कब्ज पैदा कर देता है। जल न कम पीएं और न ही अत्यधिक। कहीं का भी जल न पीएं। जल हमेशा बैठकर ही पीएं। जल शुद्ध होना चाहिए। अशुद्ध जल से लिवर और गुर्दों का रोग हो जाता है। यदि उक्त दोनों में जरा भी इंफेक्शन है तो इसका असर दिल पर भी पड़ता है। लगभग 70 प्रतिशत रोग जल की अशुद्धता से ही होते हैं। जल पीते वक्त सावधानी रखेंगे तो भोजन और प्राण में इसका भरपूर लाभ मिलेगा।
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