धर्म नगरी में कौन समझेगा प्रथ्वी की वेदना ???? रिपोर्ट मुकेश राणा!
देहरादून!
(राजस्व विभाग करोड़ों का चूना लगाने वाले भू माफियाओं पर मेहरबान क्यों ???)
यह सिर्फ मुद्दा नहीं सच जिसे स्वीकार करना कठिन है
आपको बताते चलें कि एक देश ऐसा भी जहां कि उस देश के सरकारी कर्मचारी अपनी 8 घंटे की ड्यूटी करने के बाद एक घंटे ड्यूटी अधिक करते हैं जानते हैं क्यों ? क्यों कि उनका कहना या मानना है कि,8 घंटे ड्यूटी की उन्हें सैलरी मिलती है लेकिन वे एक घंटा अपने देश के लिए वर्क यानी काम करते हैं यहां अपने देश में एक घंटे तो क्या 5 मिनट भी देश के लिए कोई भी काम करने वाले लोग नहीं मिलेंगे , आप सोचिए कि इस समय हम वंदे मातरम को यदि वास्तव में सच्चाई से लें तो यथार्थ यही है कि मैं मां की वंदना करता हूं किस मां की ? प्रथ्वी मां जिसे भू माफियाओं द्वारा राजस्व विभाग की अनदेखी या मूक दर्सिता के कारण रोशनाबाद सूर्या नगर कालौनी बेखौफ होकर बिना प्राधिकरण की अनुमति के कालौनी जिससे तमाम लोग करोड़ों में खेल रहे हैं वहीं प्रथ्वी ,अचला, मातृ भूमि, जिसे राजस्व बंजर को भी भू माफियाओं के हवाले कर चुकी है जैसे रामजोड़ा तालाब गुरु नानक जी की यादगार आज समाप्त हो गई क्या बंजर भूमि का अर्थ सरकारी भूमि है या फिर जहां पैदावार नहीं होती ?
एस डी एम हरीद्वार ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति सरकारी जमीन पर बिना एच आर डी ए कि अनुमति के बिना नक्शा पास करते अवैध निर्माण करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी लेकिन राजस्व विभाग हो या प्राधिकरण पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं !
लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी देखा नहीं गया भू माभिया पूरी तरह बेखौफ हैं अनवरत निर्माण कार्य जारी है!
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