प्लॉट या मकान खरीदते समय याद रखना चाहिए कि रेरा से अनुमोदित है या नहीं ! अनूप भारद्धाज एडवोकेट ( हरीद्वार उत्तराखंड)
स. संपादक शिवाकांत पाठक!
एक भेंट के दौरान अनूप प्रकाश भारद्वाज एडवोकेट राष्ट्रीय महासचिव राष्ट्रीय मानवाधिकार वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि आप लोग अपना परिवार ठीक से नहीं संभाल पाते लेकिन जो सम्पूर्ण राष्ट्र को संभाल रहा है सोचो की कितनी दिक्कतें आ रही होंगी उसके सामने मेरा मतलब एक सच्चे राष्ट्र सेवक मोदी जी से है ,, जबकि जनता हर अन्याय अत्याचार को सहने के लिए तैयार है लेकिन कहने के लिए नहीं ,, आप सोचिए हर व्यक्ति का एक सपना होता कि उसका अपना मकान हो और आप जिससे मकान या प्लॉट खरीद रहे हैं वह व्यक्ति कालौनी काटने के लिए क्या रेरा एक्ट के तहत स्वीकृति ले चुका है ? यदि नहीं तो फिर आप सभी के हित में माननीय यशस्वी प्रधान मंत्री मोदी जी द्वारा किए गए प्रयासों से बनाए गए रेरा एक्ट का फायदा क्या हुआ ? माना कि जमीनी हकीकत सभी को मालूम नहीं है लेकिन जिनको मालूम है वे चुप क्यों हैं ? जो कालोनियां रेरा द्वारा अधिकृत अनुमोदित स्वीकृत नहीं हैं वे अवैध है उनमें किए गए निर्माण भी अवैध हैं पहले तो आप यह पता करें कि रेरा द्वारा स्वीकृत हैं या नहीं यह जानकारी हरीद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण आपको दे सकता है यदि स्वीकृत नहीं है तो आप शिकायत करने के लिए स्वतंत्र हैं आप पहले पूरी जानकारी हासिल करें क्यों कि रेरा एक्ट के तहत स्वीकृत तभी दी जाती है जब जमीन के सारे दस्तावेज पूरी तरह सही पाए जाते हैं साथ ही सरकार को कुछ धनराशि भी अदा करना डीलरो के लिए जरूरी होता है इतना ही नहीं बल्कि खरीद दार को तमाम सुविधाएं देने के लिए सपथ पत्र प्रस्तुत करना पड़ता है तो आप सभी जागो अब सोने का समय नहीं है ,, आपको बता दें कि उत्तराखंड के यशस्वी युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी भी माननीय मोदी जी के सभी सपनों को साकार रूप देने के लिए संकल्प बद्घ हैं रेरा से स्वीकृत ना लेना राजस्व के लिए लाखों रुपए की क्षति है आप शिकायत तो करें !
पढ़िए आपके लिए बेहद फायदेमंद है रेरा एक्ट 👇
रेरा का पूरा नाम रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (RERA) है | यह वर्ष 2016 में भारत की संसद का एक अधिनियम है, यह अधिनियम घर खरीदारों के हितों की रक्षा और अचल संपत्ति उद्योग में अच्छे निवेश को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है । बिल राज्यसभा द्वारा 10 मार्च 2016 को और लोकसभा में 15 मार्च 2016 को पारित कर दिया गया था । इसमें कुल 92 धाराएं बनाई गई हैं । 1 मई 2016 को 69 अधिसूचित वर्गों के साथ यह अधिनियम अस्तित्व में आया था ।
रेरा का पूरा नाम रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (RERA) है | यह वर्ष 2016 में भारत की संसद का एक अधिनियम है, यह अधिनियम घर खरीदारों के हितों की रक्षा और अचल संपत्ति उद्योग में अच्छे निवेश को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है । बिल राज्यसभा द्वारा 10 मार्च 2016 को और लोकसभा में 15 मार्च 2016 को पारित कर दिया गया था । इसमें कुल 92 धाराएं बनाई गई हैं । 1 मई 2016 को 69 अधिसूचित वर्गों के साथ यह अधिनियम अस्तित्व में आया था ।
( अधिनियम के मुख्य प्रावधान )👇
राज्य स्तर पर रियल एस्टेट नियामक आयोग या प्राधिकरण का गठन करना होगा । इसका काम प्रदेश में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन करना होगा । डेवलपर्स और खरीदारों के बीच विवादों का निराकरण और समय पर प्रोजेक्ट पूरे होने की निगरानी करना होगा
त्वरित न्यायाधिकरणों द्वारा विवादों का समाधान 60 दिन के अन्दर करनें का प्राविधान
पांच हजार वर्गफीट या आठ अपार्टमेंट तक की निर्माण योजनाओं को छोडक़र सभी निर्माण योजनाओं को रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण में पंजीकरण कराना अनिवार्य है
ग्राहकों से ली गई 70% राशि को अलग बैंक में रखने एवं उसका केवल निर्माण कार्य में प्रयोग का प्रावधान
परियोजना संबंधी जानकारी, जैसे ले-आउट, स्वीकृति, ठेकेदार एवं प्रोजेक्ट की मियाद का विवरण खरीदार को अनिवार्यत: देने का प्रावधान
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