कब तक सुनते रहेंगे समाचारों में दुख की व्यथा

कभी निर्भया कांड कभी भंडारी अंकिता / क्यूं होती है देश में माशूमों की दर्दनाक हत्या / कब तक सुनते रहेंगे समाचारों में दुख की ब्यथा / जागो मेरे देशवासियों मिलकर लिखेंगे दरिंदों की फांसी की कथा / दरिंदों की मिलजुल कर लिखेंगे फांसी का इतिहास / नां भटकेंगे कभी दरिंदे मां बहन बेटियों के आसपास / जागो कसम खाओ नही देखेंगे बहन बेटियों का कफन ओढ़े लिबास / आंदोलन ऐसा हो हिल जाए सरकार नहीं देखेंगे बहन बेटियों की लाश / इस देवभूमि की माटी ना करो दरिंदों मटमैला / इन मां बहन बेटियों ने यहां अपना बचपन खेला / इन माशूमों की निरशंस हत्या कर खुद गुनाहों में धकेला / सोच विचार करके देखो कभी रह जाओगे खुद अकेला / रंजीत बर्तवाल की कलम से , समाचारों एवम् विज्ञापनों के लिए संपर्क करें 9897145867