नगरपंचायत कदौरा नहीं मान रही एनजीटी का कोई आदेश
कादौरा जालौन (उ. प्र)
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी नहीं पालन कर रहा अपने कर्तव्य में लगातार हो रहे पर्यावरण नियमों का उल्लंघन और नगर प्राचीन विशाल तालाब की प्रदूषित होकर अपने दयनीय दशा पर माननीय एनजीटी के मुख्य न्यायाधीश श्री आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा दो बार नगर के प्राचीन जलाशय को शुद्ध करने का आदेश देने बाद भी न तो कदौरा नगरपंचायत द्वारा जलाशय को शुद्ध करने व जलाशय पर हुए अवैध स्थायी व अस्थायी अतिक्रमण को हटाने पर कोई भी ठोस क़दम नहीं उठाया गया हैं नगरपंचायत द्वारा माननीय एनजीटी जैसे गरिमापूर्ण न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं नगरपंचायत की इस मनमानी पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी धृतराष्ट्र बना बैठा है और अपने कर्तव्यो का पालन नहीं कर रहा है उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नगरपंचायत द्वारा की जा रही एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने पर अपने अधिकारों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है तथा न ही एनजीटी के सामने अपने द्वारा दी गई रिपोर्ट में भी नगरपंचायत द्वारा पर्यावरण नियमों के उल्लंघन और एनजीटी के आदेशों को नगरपंचायत द्वारा हवा में उड़ा देने वाली बात का भी कहीं जिक्र कर रहा है नगरवासियों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नगरपंचायत का क्यों कवच बनकर बचाव कर रहा है क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कुछ अधिकारी नगरपंचायत के भ्रष्ट अधिकारियों के प्रभाव में आ गए हैं अगर ऐसा नहीं तो एनजीटी में दी गई रिपोर्ट में नगरपंचायत द्वारा की आदेशों के उल्लंघन की बात का क्यों छिपाव कर रहा है पूर्व स्वयं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण को क्षति पहुंचाने पर नगरपंचायत के ऊपर लगाये गए एक करोड़ बयासी लाख की राशि को वसूलने की प्रक्रिया को क्यों रोक दिया गया हैं क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इस प्रक्रिया को रोकने के लिये नगरपंचायत द्वारा कोई प्रलोभन दे दिया गया है ऐसे कई सवाल नगर के लोगों के जहन में उठ रहे जो सच में जमीनी स्तर पर सच दिखाई दे रहे है!
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