कैसे भुला दें उन्हें जिन्होंने घोर संकट के समय साथ दिया!
हरिद्वार! स. संपादक शिवाकांत पाठक! रहिमन विपदा ही भली जो थोड़े दिन होय विपत्ति का आना हमारे जीवन में बेहद आवश्यक होता है ताकि कठिन समय में अपनों की पहचान हो सके अपना कौन हैं इसकी पहचान कराने आया था वर्ष 2020 यदि हम अतीत के बारे में सोचें तो आंखों से आंसू आने लग जाते हैं कितना भयानक संकट व कितनी विपदा की घड़ी थी जब पी एम माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी ने आ अचानक लौक डाउन का ऐलान कर दिया जब कोई भी किसी का साथ देने को तैयार नहीं था अपने परिवार के लोग भी मुंह मोड़ने लगे थे सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल कर लोग अपने घरों की ओर जा रहे थे बाकी लोग घरों में ही कैद थे भयानक संकट मौत का मंजर साफ दिख रहा था ऐसी महामारी जिसको हो जाए उसे छूने के लिए कोई तैयार नहीं था उस समय की बात सोच कर आज भी दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं हमारा हरिद्वार एक बेहद भयानक संकट से जूझ रहा था तब जिनसे हमको उम्मीद नहीं थी जिहें हम गलत समझते थे वहीं अधिकारी कर्मचारी वही पुलिस वही सब हमारी मदद के लिए अपनी जान हथेली पर लेकर हम सभी के साथ आ गए जिनमें कि हारिवीर सिंह पी सी ऐस सचिव प्राधिकरण
जो गरीब जनता के लिए भोजन व्यवस्था कराने हेतु जिम्मेदारी निभाते हुए देखे गए व हमारे स्वास्थ्य, सुरक्षा, व भोजन के प्रबंध के लिए बाहर से आने वाले हमारे परिवार के लोगों के लिए हमारे जिला अधिकारी सी रविशंकर जी के त्याग व बलिदान को कैसे भूल जाए ये जनता जिन्होंने अपना सुख दुख भुला कर जनपद को बचाने के लिए ऐसी रण नीति तैयार की जिसे देख देश हैरत में रह गया उस नीति पर चल कर सभी अधकारियों व कर्मचारियों ने हरिद्वार की जनता व बाहर से आने वाले प्रवासियों के जीवन को बचाने में कामयाबी हासिल कर ली वह भी बिना अपने जीवन की परवाह किए ठीक उसी तरह जैसे राम के आदेश पर वानर सेना ने रावण पर आक्रमण कर दिया था लक्ष्मण को वीर घातिनी शक्ति लगी यहां राम तो हमारे जिले के प्रमुख अधिकारी के रूप में सी रविशंकर जी थे व शक्ति का शिकार अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा
व एस एस पी सैंथिल अबुदाई को होना पड़ा
वे अपनी जान की परवाह किए बिना अपने भाई राम के आदेश का पालन करने में पीछे नहीं हटे उन्होंने यह नहीं देखा कि मुझे कब तक कोरोना से किस समय तक लड़ना है तीन चार दिन तक बराबर प्रवासियों को सकुशल अपने परिवार तक पहुंचने की व जनपद को शासन की गाइड लाइन का अनुपालन कराने हेतु जिम्मेदारी निभाने वाले अपर जिलाधिकारी के के मिश्रा जी व एस एस पी सेंथिल अबूदई कोरोना के शिकार हो गए लेकिन राम का प्रताप व शक्ति के आगे कोरोना हार गया लक्ष्मण जीत गए सारे जनपद की जनता खुसी से झूम उठी अकल्पनीय साहस पराक्रम की सराहना करूं या मानवीय मूल्यों की स्थापना करने वाले इन अधिकारियों को सतत नमन करूं क्या करूं मेरे पास अब शब्द ही नहीं हैं हमारा जिला व यहां के अधिकारी अधिकारी के साथ साथ एक परिवार हैं बीते लम्हों के अविस्मरणीय पल कभी भुलाए नहीं जा सकते!
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