पराजय हताश होने का नहीं बल्कि अधिक प्रयास करने की प्रेरणा श्रोत है ! दीपक नौटियाल !(नवोदय नगर हरिद्वार )
संपादक शिवाकांत पाठक !
नवोदय नगर में लाइट नहीं आ रही हो या फिर गाय बीमार हो साथ ही विद्युत पोल जर्जर हो या फिर सड़क, पानी, आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि तमाम समस्यायों को बड़ी दिलेरी के साथ बिना इन कार्यों को बोझ समझते हुए करने के लिए तत्पर रहने वाले शख्सों के नाम सभी की जुबान पर हैं यहां लिखने की आवश्यकता नहीं है किन्तु सच को सच लिखना भी बेहद जरूरी होता है वरना लोग बिकाऊ मीडिया कहने में चूकते नहीं है ! अब यहां पर सोचनीय पहलू यह है कि जिसे एक बार जनता ने पूरी तरह ना सही लेकिन नकार दिया हो उस शख्स ने पराजय को सहर्ष स्वीकार किया आत्मग्लानि महसूस ना कर आत्मचिंतन करने लगा मुझसे कहां भूल हुई इस पर विचार कर पुन: लोगो के दुख दर्द में सहभागिता दिखाने वाले इंसान का स्वार्थ क्या रहा होगा यह तो शायद सोच से परे है क्यों कि समाज सत्य को स्वीकार कब करती हैं समाज को आडंबर चाहिए !
आज नवोदय नगर में जो बदलाव की उम्मीद देखने को मिल रही है उसमे दीपक नौटियाल, अशोक शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी अवनीश मिश्रा, महावीर गुसाईं का नाम सबसे पहले जनता की जुबान पर आता है क्यों ? सच पूछो तो जनता अवसर वादिता के आधार पर काम पड़ने पर तरह तरह के प्रलोभन, अश्वासन, वायदों को वर्षों से देख रही है और जनता जनार्दन ईश्वर का स्वरूप होती है ,, भले ही जानता को लोग गुमराह कर जीत हासिल कर लें लेकिन दिलों पर राज केवल वही कर सकते हैं जो निस्वार्थ भाव से समर्पित रहते हैं !
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