भारतीय पुलिस को दबाव मुक्त होकर अपराध नियंत्रण के लिए स्वतंत्र होना चाहिए !
संपादक शिवाकांत पाठक!
रिपोर्ट मुकेश राणा,,आज वर्तमान में लोग हरीद्वार में बढ़ते अपराधों के लिए केवल पुलिस को जिम्मेदार ठहराते देखे जा सकते हैं हरिद्वार में जगह जगह अवैध शराब बिक्री को लेकर शराब माफियाओं में भी काफी महा संग्राम की स्थिति देखी गई क्यों कि एक दूसरे के ठिकानों पर छापे लगवाने में दोनों शराब माफियाओं की अहम भूमिका को नकारा नहीं जा सकता लेकिन क्या वास्तव में केवल पुलिस पर सारी बात का ठीकरा फोड़ देना क्या जायज है ?
क्या तमाम अवैध कार्यों में राजनैकित सहभागिता नहीं होती अपराधी को थाने लाने के पहले ही नेताओं के फोन आना शुरू हो जाते हैं क्यों ? भारतीय पुलिस को भी अपने फर्ज अदा करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए !
कानून उन्मुख पुलिसिंग के शासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण नॉर्वेजियन पुलिस द्वारा प्रदान किया गया था, जिसने अपने ही प्रधान मंत्री पर कोविद -19 नियमों के उल्लंघन में उनके 60 वें जन्मदिन पर एक पार्टी आयोजित करने के लिए भारी और अनुकरणीय जुर्माना लगाया था।
भारतीय पुलिस को दबाव मुक्त होकर अपराध नियंत्रण के लिए स्वतंत्र होना चाहिए !
संपादक शिवाकांत पाठक!
समाज में स्वस्थ सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण के लिए अच्छी पुलिस व्यवस्था एक अनिवार्य शर्त है।
आर्थिक प्रगति भी सुरक्षा और सुरक्षा के माहौल का एक कार्य है। इसलिए पुलिस सुधार भारत के सामाजिक-आर्थिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सुधार की आवश्यकता कानून के शासन के प्राथमिक रक्षक के रूप में पुलिस की सभी महत्वपूर्ण भूमिका से निर्धारित होती है। यह एक ऐसे पुलिस बल की मांग करता है जो गैर-राजनीतिक, निर्विवाद रूप से निष्पक्ष और निष्पक्ष हो, और सभी प्रकार के बाहरी प्रभावों से मुक्त हो।
समाचारों एवम् विज्ञापनों के लिए संपर्क करें संपादक शिवाकांत पाठक 9897145867
Comments
Post a Comment