हरिद्वार कि बेटी ससुराल पक्ष के उत्पीड़न से त्रस्त !
शिवाकांत पाठक उत्तराखंड!
दिल्ली समाचार सेवा,,
हरिद्वार के एक सीधेसादे शांति प्रिय ब्राम्हण परिवार के मुखिया ने अपनी बेटी की शादी विगत वर्ष पूर्व ,जहांगीर पुरी दिल्ली निवासी एक युवक के साथ अपने रिश्तेदारों की सलाह मसविरा से हिन्दू रीति रिवाज के साथ अपनी सामर्थ्य अनुसार की थी शादी के कुछ ही महीनों बाद उसके पति, ससुर, सास, देवर द्वारा बेटी का मानसिक शारीरिक उत्पीड़न दहेज की अनावश्यक मांग को लेकर किया जाने लगा जिसकी सूचना बेटी ने अपने पिता को दूरभाष पर दी बहुत ही दिल को दहला देने वाली हृदय विदारक बात सुन कर एक पिता पर क्या गुजरी होगी यह आप अंदाजा लगा सकते हैं , अपने फर्ज को अंजाम देते हुए पिता ने हरिद्वार में संबधित थाना कोतवाली में लिखित शिकायत की जब कार्यवाही नहीं हुई तो एक पिता को अपनी बेटी का जीवन बचाने के लिए न्यायालय की शरण लेना पड़ी और न्यायालय ने दहेज एक्ट का मुकदमा दर्ज करने का आदेश संबधित थाने को दिया क्यों कि दहेज को लेकर विवाहिता बेटी का उत्पीड़न का मामला था इसलिए इंडियन पैनल कोर्ट की धारा 498 ए के तहत मुकदमा संबधित थाने में दर्ज हुआ!
तभी ससुराल पक्ष ने भयवश हरीद्वार आकर अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हुए सुलहनामा कर बेटी को अपने साथ यह कहकर ले गए कि अब घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी , लेकिन चंद माह बाद ही बेटी को तरह तरह की यातनाएं देना प्रारंभ कर दिया जैसे बॉथरूम में बंद रखना खाना न देना मारना पीटना बाल पकड़ कर खीचना आदि के साथ ही बेटी का मोबाइल छुपा कर रखना ताकि वह अपने मां बाप को अपनी आप बीती ना बता सके जिसकी सूचना पाते ही बेटी के पिता सपरिवार बेटी को अपने साथ लेने के लिए दिल्ली रवाना हो गए वहीं दूसरी ओर सुनने में आया है कि बेटी का ससुर दिल्ली मंडी में कर्जदार था व व्यापारी वर्ग पैसे के लिए दबाव बना रहे थे इसी बात को लेकर कोई नया हथकंडा अपना कर सीकरा बेटी पर फोड़ना चाहते हैं !
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