गौर से देखें पुल टूटा है या फिर जनता का अटूट विश्वास ?
हमारे भारत देश में ब्रिटिश सरकार द्वारा बनवाए गए 15 अगस्त सन् 1865 का बना यह पुल आज भी बनवाने वालों की इमानदारी का प्रमाण दे साथ ही इसके साइड में ध्वस्त पुल देहरादून का वह पुल है जो कि आजाद भारत के आजाद तंत्र की पोल खोल रहा है आजादी का इससे ज्यादा बेहतर परिणाम और क्या हो सकता है आज न्यायालय में यह जानते हुए कि कटघरे में खड़े व्यक्ति द्वारा बोला जा रहा झूठ किसी इंसान के अंदर छिपी न्याय की आशा पत कुठाराघात कर देगा फिर भी उसे गीता और कुरान जैसे पवित्र ग्रंथों की मर्यादा को तार तार करना हमारे सिस्टम में आज तक बादस्तूर चला आ रहा है ,यह कहना अनुचित नहीं होगा कि हम विकास की अंधी दौड़ में भ्रष्टाचार की चरम सीमा पर अपनी कामयाबियों का परचम लहराने में काफी आगे निकल चुके हैं इतना आगे कि अब भ्रष्ट देशों की गणना में हमारा एक महत्व पूर्ण स्थान है प्रयागराज में अंग्रेजों के जमाने का यमुना नदी पर बना गऊ घाट रेल ब्रिज इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना है। टू लेन के इस ब्रिज पर ऊपर ट्रेन चलती है तो नीचे हल्की गाडिय़ों का आवागमन होता है। देश के सबसे पुराने ब्रिज में से एक गऊघाट के इस ब्रिज पर रेलवे ने पिछले दिनों एक डाक्यूमेंट्री जारी की है। यह ब्रिज धरोहर के साथ ही सेवा के लिए भी समर्पित है। और जो पुल आप टूटा देख रहे हैं आप ही नहीं बल्कि पुल पार कर रहे तमाम उत्तराखंड वासी जहां खड़े थे वहीं पर ठगे से खड़े नजर आ रहे हैं भले ही आप कुछ कह नहीं सकते लेकिन आप सोच तो सकते हैं कि जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान इस देश व प्रथक उत्तराखंड के लिए कुर्बान कर दी क्या विकास का यह विकृत स्वरूप ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि साबित होती है ! याद रखना जो भी अन्याय अत्याचार का विरोध करते हैं इतिहास सदैव उनका गुणगान करता है श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता में यही उपदेश दिया है अन्याय अत्याचार के खिलाफ युद्ध में कृष्ण सारथी थे मतलब साथ थे स्पष्ट है कि ईश्वर साथ था तो फिर सोचते जो लोग पुल के एक तरफ खड़े टूटे हुए पुल को अपने दुर्भाग्य की तरह देख रहे हैं वे सब आपके ही भाई बन्धु हैं विदेशी नहीं है और आप की चुप्पी आने वाली पीढ़ी के लिए क्या संदेश दे रही है यह आप खुद जानते हैं ! जय हिन्द जय भारत ,, वन्दे मातरम् कहने के साथ साथ पूरी तरह देश के लिए अभिशाप साबित होने वाले लोगो को समाज के सामने लाओ तभी आप एक सच्चे भारतीय कहलाने का हक रखते हैं !
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